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वेदिनी से वापस लौटे हजारों श्रद्धालु

गैरोली पातल और वेदिनी में अव्यवस्थाओं से भड़के यात्रियों की नाराजगी झेल चुके प्रशासन ने सोमवार को कुछ राहत की सांस ली। खराब मौसम और विकट भूगोल में विषम परिस्थितियों के बीच हजारों यात्री वेदिनी से ही लौट गए। चमोली के जिलाधिकारी ने यात्रियों के लौटने की पुष्टि करते ह

By Edited By: Updated: Tue, 02 Sep 2014 01:25 PM (IST)

वेदिनी बुग्याल [चमोली], जागरण संवाददाता। गैरोली पातल और वेदिनी में अव्यवस्थाओं से भड़के यात्रियों की नाराजगी झेल चुके प्रशासन ने सोमवार को कुछ राहत की सांस ली। खराब मौसम और विकट भूगोल में विषम परिस्थितियों के बीच हजारों यात्री वेदिनी से ही लौट गए। चमोली के जिलाधिकारी ने यात्रियों के लौटने की पुष्टि करते हुए बताया कि 'वेदिनी में मां नंदा के दर्शन कर करीब छह से सात हजार यात्री वापस चले गए हैं।' बावजूद इसके प्रशासन की मुश्किलें आसान नहीं हुई हैं। सैकड़ों की संख्या में उत्साहित यात्री अगले पड़ावों पर एकत्रित हो गए हैं। दूसरी ओर राजजात देर शाम अपने अगले पड़ाव पातर नचौणियां पहुंच गई। मंगलवार को यात्रा शिला समुद्र के लिए रवाना होगी। सोमवार को राजजात में शामिल होने के लिए देहरादून से गौचर (चमोली) पहुंचे मुख्यमंत्री हरीश रावत को मौसम खराब होने के कारण वापस लौटना पड़ा। मुख्यमंत्री का कार्यक्रम हेलीकाप्टर से वेदनी बुग्याल जाने का था, लेकिन मौसम ने उनका साथ नहीं दिया।

रविवार को वेदिनी में यात्रियों की संख्या करीब बीस हजार के आसपास जा पहुंची। इस अपार जनसमूह के लिए व्यवस्थाएं जुटाना प्रशासन के लिए चुनौती बन गया। रविवार की सुबह हुए हंगामे के बाद प्रशासन ने आनन फानन लोहाजंग से हेलीकाप्टर के जरिए कंबल मंगाए। जैसे ही यात्रियों को इसका पता चला उन्होंने हेलीपैड पर धरना देकर हेलीकाप्टर को नहीं उतरने दिया। हालांकि इससे पहले हेलीकाप्टर तीन चक्करों में कुछ कंबल उतारने में कामयाब रहा था।

रविवार की रात हालात में थोड़ा बहुत बदलाव तो आया, लेकिन यात्रियों की मुश्किलें बरकरार रहीं। रात को कई यात्री टेंटों में जगह तलाशते नजर आए तो कई अफसरों से कंबल के लिए गुहार लगाते रहे। अधिकारियों का कहना था कि जो कंबल आए थे, वे यात्रियों में बांट दिए गए हैं। ऐसे में निजी टेंट लगाए हुए लोगों ने कई यात्रियों की मदद की।

दूसरी ओर चमोली के जिलाधिकारी एसए मुरुगेशन और पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार मीणा ने बताया कि भारी संख्या के बावजूद यात्रियों की हर संभव मदद की गई है। उन्होंने कहा कि यदि हेलीकॉप्टर उतरने दिया जाता तो कई यात्रियों को कंबल दिए जा सकते थे।

चमोली के अंतिम गांव वाण में भीड़ नियंत्रित करने का दावा कर रहे प्रशासन की कोई भी रणनीत कारगर साबित नहीं हो पाई है। दो से ढाई हजार यात्रियों को ही होमकुंड जाने की अनुमति देने का दावा करने के बावजूद हजारों यात्री निर्विघ्न आगे बढ़ रहे हैं। स्वयं जिलाधिकारी ने भी माना कि कई लोग अगले पड़ावों पर पहुंच चुके हैं।

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