गाय की पूंछ पकड़कर पिंडदानियों ने किया वैतरणी पार
गयाधाम के वैतरणी तालाब के तट पर में पिंडदान करने विधान है। यहां पुरोहित द्वारा गाय की पूछ पकड़कर वैतरणी पार कराया जाता है। कुछ ऐसा ही पितृपक्ष मेला के समापन की पूर्व संध्या पर गुरूवार को काफी संख्या में पिंडदानियों ने गाय की पूछ पकड़कर वैतरणी पार कराया। पुरोहित ने अपने-अपने पिंडदानियों को गाय की पूछ पकड़ा क
By Edited By: Updated: Fri, 04 Oct 2013 01:27 PM (IST)
गया। गयाधाम के वैतरणी तालाब के तट पर में पिंडदान करने विधान है। यहां पुरोहित द्वारा गाय की पूछ पकड़कर वैतरणी पार कराया जाता है। कुछ ऐसा ही पितृपक्ष मेला के समापन की पूर्व संध्या पर गुरूवार को काफी संख्या में पिंडदानियों ने गाय की पूछ पकड़कर वैतरणी पार कराया।
पुरोहित ने अपने-अपने पिंडदानियों को गाय की पूछ पकड़ा कर पूर्वजों का नाम याद कराया। पुरोहित ने पिंडदानी को कहा कि गयाधाम के वैतरणी में गाय की पूछ पकड़कर पूर्वजों को बैकुंठ लोक में वास कराया जाता है। इस कारण से यहां पिंडदान दान करना अनिवार्य है। यहां सुबह से लेकर शाम तक गाय की पूछ पकड़कर पिंडदान कराया गया है। वही दूसरी ओर से कुछ सीमित व्यापारी गाय या फिर गाय का बछड़ा लेकर वैतरणी तालाब के आस-पास अपनी दुकान खोलकर बैठे थे। जैसा यजमान वैसा गाय या फिर उनके बछड़ा का दर तय था। कुल मिलाकर देखा जाए तो यहां शांतिपूर्ण और वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच देश व विदेश से आने वाले पिंडदानियों का पिंडदान कराया गया। जिन पिंडदानियों ने 15 दिनों का पिंडदान किए हैं, वैसे लोगों का सुफल शुक्रवार को महाल्या के दिन अक्षयवट वृक्ष के नीचे कराया जाएगा। सुफल कराने के लिए सुबह से लेकर शाम तक पिंडदानी अपने-अपने पुरोहितों सम्मुख बैठे रहते हैं। जैसा पुरोहित को आदेश होता है। उसका अनुपालन पिंडदानी करने की कोशिश करते हैं। मेला से उखड़ने लगे तम्बू व शामियाना- पितृपक्ष मेला में पिंडदानियों की सेवा लगे स्वयंसेवी संगठनों की तम्बू व शमियाना गुरूवार को धीरे-धीरे उखड़ने लगे है। कारण मेला का जिला प्रशासन द्वारा समापन विधिवत रूप से शुक्त्रवार की संध्याकाल में किया जाएगा। समापन की पूर्व संध्या पर कई ऐसे स्वयंसेवी संस्थान जिन्होंने पिंडदानियों की सेवा करने के लिए शिविर लगाए थे। उनका सेवा का कार्य पूरा हो गया है। इस कारण ऐसे कई स्वयं संगठन जिन्होंने पिंडवेदियों के आस-पास शिविर लगायी गयी थी। उस शिविर का आंशिक रूप से समापन हो गया है। कई कैम्प में गुरूवार को कार्यक्त्रम का आयोजन कर गत 14 दिनों में पिंडदानियों के लिए किए गए कायरे को बारी-बारी से चर्चा की गई। ऐसे सामाजिक संगठनों ने अपने द्वारा किए कायरे को सराहना की गई। इधर पितृपक्ष मेला जो 18 सितम्बर से शुरू हुई थी। उसका विधिवत रूप से समापन 4 अक्टूबर को विष्णुपद मंदिर परिसर में एक कार्यक्त्रम आयोजित किया जाएगा। समापन समारोह में पूरे 15 दिनों तक बेहतर कार्य करने वाले पदाधिकारी व कर्मियों को सम्मान करने की योजना है। इसकी सूची जिला प्रशासन के स्तर से बनाई गई है।
मेले की व्यवस्था पर भाजपाइयों ने दी बधाई- भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष श्यामा सिंह, अनिल स्वामी, विजय शर्मा, विजय सिंह, मनीलाल बारिक, अशोक सिंह, सरयू ठाकुर, दिलीप चौरसिया, राजीव नंदन, रमेश कुमार आदि ने बैठक कर गुरुवार को जिला प्रशासन को पितृपक्ष मेला में आने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए बेहतर व्यवस्था करने के लिए बधाई दी है।
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