शिवगंगा को प्रदूषण मुक्त करने को हरी झंडी
विश्व प्रसिद्ध बाबानगरी की मैली शिवगंगा एक बार फिर निर्मल व स्वच्छ हो जाएगी। भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (मुंबई) एवं नगर विकास विभाग झारखंड ने संयुक्त रूप से इसका बीड़ा उठाया है। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में आनेवाले तमाम खर्च का वहन दोनों को 50-50 फीसद करना है। राज्य सरकार ने इस परियोजना का नोडल आफिसर देवघर उपायुक्त क
By Edited By: Updated: Fri, 28 Jun 2013 04:48 PM (IST)
देवघर। विश्व प्रसिद्ध बाबानगरी की मैली शिवगंगा एक बार फिर निर्मल व स्वच्छ हो जाएगी। भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (मुंबई) एवं नगर विकास विभाग झारखंड ने संयुक्त रूप से इसका बीड़ा उठाया है।
वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में आनेवाले तमाम खर्च का वहन दोनों को 50-50 फीसद करना है। राज्य सरकार ने इस परियोजना का नोडल आफिसर देवघर उपायुक्त को बनाया है। नगर विकास के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर के संयुक्त सचिव को एक पत्र लिखकर डीपीआर का आग्रह किया है ताकि आगे की कार्रवाई शुरू की जा सके। वहीं एजेंसी को भी नामित करने को कहा गया है ताकि एक समय सीमा के भीतर परियोजना पूरी हो सके। सांसद निशिकांत दुबे को भी विभागीय सचिव ने पत्रचार की सूचना दी है। सार्वजनिक सुविधा के लिए डीपीआर प्रधान सचिव नगर विकास विभाग ने उपायुक्त को पत्र लिखकर इस आशय की सूचना दी है कि पवित्र शिवगंगा तालाब को प्रदूषण मुक्त करने की योजना के सफल कार्यान्वयन हेतु नोडल ऑफिसर नामित किया गया है। वहीं भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर परमाणु ऊर्जा विभाग भारत सरकार द्वारा दिए गए प्रस्ताव के आलोक में शिवगंगा के चारों तरफ आवश्यकतानुसार नागरिक सुविधाएं (शौचालय, स्नानागार, मूत्रलय) इत्यादि उपलब्ध कराने हेतु डीपीआर बनाकर 15 जुलाई तक भेजें ताकि प्रशासनिक स्वीकृति के साथ साथ राशि भी विमुक्त की जा सके।मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर