दानघाटी मंदिर ने खोला सेवा का रास्ता
दानघाटी मंदिर के प्रबंध तंत्र ने सैकड़ों धार्मिक संस्थानों और सरकार को आईना दिखा दिया। मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं की मदद से गोवर्धन का चेहरा बदलने का निर्णय लिया है। यही नहीं धर्म को सेवा क्षेत्र में उतारने का भी बड़ा प्रयास किया है। योजना के तहत यहां 50 बेड का धर्मार्थ अस्पताल बनेगा। श्री गिरिराज धरण के द
गोवर्धन, जागरण संवाददाता। दानघाटी मंदिर के प्रबंध तंत्र ने सैकड़ों धार्मिक संस्थानों और सरकार को आईना दिखा दिया। मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं की मदद से गोवर्धन का चेहरा बदलने का निर्णय लिया है। यही नहीं धर्म को सेवा क्षेत्र में उतारने का भी बड़ा प्रयास किया है। योजना के तहत यहां 50 बेड का धर्मार्थ अस्पताल बनेगा। श्री गिरिराज धरण के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए भी 1500 करोड़ की योजनाओं पर भी काम कराने का प्रस्ताव आगे बढ़ रहा है।
सरकारी वादों के बावजूद गोवर्धन का विकास नहीं हो पा रहा है। ऐसे में मंदिर प्रबंधन ने यहां प्रभु के दर्शन के लिए आने वाले कुछ अरबपति श्रद्धालुओं से बात कर गोवर्धन के विकास के लिए 15 अरब की लागत से विभिन्न प्रोजेक्टों की योजना तैयार की है। इसमें 50 शैया के अस्पताल का निर्माण भी शामिल है। प्रबंधक राधा चरण कौशिक के सपनों की योजनाएं परवान चढ़ीं, तो गोवर्धन विश्व पटल पर छा सकता है। अस्पताल की नींव रविवार को हाईकोर्ट के प्रशासनिक न्यायाधीश संजय मिश्र एवं न्यायाधीश रविंद्र सिंह ने रखी। कौशिक के अनुसार अस्पताल में मरीजों को सस्ता इलाज मुहैया होगा ही, युवकों को रोजगार भी मिलेगा।