मंदिरों में बदली सदियों की परंपरा
वृंदावन के मंदिर, मठ, आश्रम में सदियों से ठाकुरजी के श्रीविग्रह को यमुना जल से स्नान कराया जाता है। मगर पिछले तीन दशक से यमुना में बढ़ते प्रदूषण ने धर्मनगरी की परंपराओं पर बड़ा कुठाराघात किया। बांकेबिहारी मंदिर के सेवायत श्रीनाथ गोस्वामी कहते हैं कि जब से यमुना में प्रदूषण
By Preeti jhaEdited By: Updated: Fri, 20 Mar 2015 01:05 PM (IST)
वृंदावन। वृंदावन के मंदिर, मठ, आश्रम में सदियों से ठाकुरजी के श्रीविग्रह को यमुना जल से स्नान कराया जाता है। मगर पिछले तीन दशक से यमुना में बढ़ते प्रदूषण ने धर्मनगरी की परंपराओं पर बड़ा कुठाराघात किया।
बांकेबिहारी मंदिर के सेवायत श्रीनाथ गोस्वामी कहते हैं कि जब से यमुना में प्रदूषण बढ़ा है, मंदिर में आर ओ प्लांट लगवाया गया, जिससे यमुनाजल को शुद्धकर उससे प्रतिदिन ठाकुरजी को स्नान करवाया जाता है। घाटों पर महाआरती आज से- यमुना शुद्धि संकल्प मिशन 2015 के तहत शुक्रवार से शहर के चक्रतीर्थ, कृष्ण गंगा, दाऊजी, सत्संग, रामेश्वर, गऊ, सोमनाथ और चिंताहरण घाट पर प्रतिदिन शाम सात बजे महाआरती होगी। अध्यक्षता कर रहे पं. अनिल शर्मा ने बताया कि महाआरती से लोगों को जोडऩे का प्रयास है।