आशुतोष महाराज मामले में तीन सप्ताह का समय
क्लीनिकली डेड घोषित दिव्य ज्योति जागृति संस्थान नूरमहल (जालंधर) के संस्थापक आशुतोष महाराज के अंतिम संस्कार के मामले में हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को मिल बैठकर तीन सप्ताह में हल निकालने का आदेश दिया है। अब मामले की सुनवाई 15 मार्च को होगी। संस्थान की तरफ से हाईकोर्ट को बताया
By Preeti jhaEdited By: Updated: Wed, 24 Feb 2016 12:30 PM (IST)
चंडीगढ़। क्लीनिकली डेड घोषित दिव्य ज्योति जागृति संस्थान नूरमहल (जालंधर) के संस्थापक आशुतोष महाराज के अंतिम संस्कार के मामले में हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को मिल बैठकर तीन सप्ताह में हल निकालने का आदेश दिया है। अब मामले की सुनवाई 15 मार्च को होगी। संस्थान की तरफ से हाईकोर्ट को बताया गया था कि कोर्ट के आदेशों पर गौर करने के लिए संस्थान काम कर रहा है।
पिछली सुनवाई पर हाईकोर्ट ने कहा था कि यह मामला अनुयायियों की आस्था और मान्यताओं से जुड़ा है। हाईकोर्ट ऐसे मामलों में दखल नहीं देना चाहता, लिहाजा अब संस्थान और अन्य पक्ष ही महाराज के अंतिम संस्कार के विषय में कोई निर्णय लें। यह तय करें कि महाराज का अंतिम संस्कार पूरे सम्मान के साथ किया जाए। खंडपीठ ने कहा था कि जब मेडिकल रिपोर्ट में ही यह साबित हो चुका है कि महाराज क्लीनिकली डेड हैं, तो क्यों अब उनको समाधि में होने की बात की जा रही है। सबसे बड़ा सवाल महाराज के सम्मान का है। लिहाजा यह उचित होगा कि अब संस्थान आगे आए और कहे कि महाराज का अंतिम संस्कार उचित ढंग से करवाया जाए। फिर वहां महाराज की स्मृति में एक भव्य मंदिर बनाया जा सकता है।