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विश्वनाथ मंदिर: सांस्कृतिक संकुल का 'मास्टर प्लान' तैयार

चौकाघाट स्थित सांस्कृतिक संकुल की सार्थकता बढ़ाने को लेकर प्रशासन ने अपने स्तर से कवायद शुरू कर दी है। कोशिश यह है कि संकुल को इस रूप में विकसित किया जाए कि यहां लघु बनारस नजर आए, तंगहाली भी दूर हो। विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रांजल यादव की अध्यक्षता में प्रशासनिक अफसरों, उद्यमियों की चली बैठक में योजना

By Edited By: Updated: Fri, 31 Jan 2014 03:37 PM (IST)
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वाराणसी। चौकाघाट स्थित सांस्कृतिक संकुल की सार्थकता बढ़ाने को लेकर प्रशासन ने अपने स्तर से कवायद शुरू कर दी है। कोशिश यह है कि संकुल को इस रूप में विकसित किया जाए कि यहां लघु बनारस नजर आए, तंगहाली भी दूर हो।

विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रांजल यादव की अध्यक्षता में प्रशासनिक अफसरों, उद्यमियों की चली बैठक में योजना को अंतिम रूप दे दिया गया है। फरवरी के प्रथम सप्ताह से यहां कई योजनाओं पर अमल शुरू भी हो जाएगा।

परंपरागत रोजी, खान-पान पर फोकस- बनारसी संस्कृति की झलक मिले और यहां परंपरागत व्यापार का बड़ा सेंटर भी स्थापित हो। शौकीन लोगों को एक ही जगह मनपसंद व्यंजन मिलें।

दर्शन-पूजन- बाबा दरबार हो या फिर संकट मोचन मंदिर, सारनाथ हो या फिर गंगा घाट आदि। भ्रमण के प्रमुख स्थलों तक सिटी बस की सुविधा व उनके टिकट काउंटर की व्यवस्था यहीं से होगी।

एक जगह सुविधा- दिल्ली की तर्ज पर यहां भी हाट बाजार लगाने पर विचार हो रहा है। इसके विविध रूप होंगे ताकि यहां की सांस्कृतिक कला, घुंघरू की झंकार और तबले की भी थाप सुनाई दे। पर्यटकों को यहां एक जगह हर सुविधा मिलेगी।

अब क्या कुछ होगा खास इंतजाम-सांस्कृतिक संकुल के तार सीधे बाबा दरबार से जोड़ दिए जाएं। दूसरे प्रांतों से आने वाले पर्यटकों को यहीं से टिकट दिया जाए और मंदिर प्रशासन उन्हें दर्शन की सुविधा उपलब्ध कराएगा।

बिना लाइन में लगे ऐसे लोगों को निर्धारित अवधि के भीतर दर्शन-पूजन हेतु शुल्क देना होगा। इससे श्रद्धालुओं को भीड़ से जहां राहत मिलेगी वहीं मंदिर प्रशासन की आय में इजाफा होगा। बनारसी साड़ी उद्योग को बढ़ावा, हर दिन अलग-अलग विधा की लोककला से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नटराज की प्रस्तुति आदि को आगे लाने, खुद की आय बढ़ाने, ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार देने और एक ही जगह पर कई तरह की खरीदारी करने का आम नागरिकों को मौका मिलेगा।

फरवरी के पहले हफ्ते से चहल-पहल- डीएम प्रांजल यादव ने बताया कि सांस्कृतिक संकुल की सार्थकता को साकार रूप देने, दिल्ली जैसे हाट स्वरूप को विकसित करने की शुरुआत फरवरी के पहले हफ्ते से शुरू कर दी जाएगी। प्रयास है कि लघु बनारस की यहां न केवल झलक दिखे बल्कि एक ही जगह से सभी ऐतिहासिक व पौराणिक पर्यटन स्थलों तक आने-जाने को टूरिस्ट बस की सुविधा एक निर्धारित शुल्क पर सुलभ हो। लोक-कला व संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए आडिटोरियम हर दिन गुलजार हो।

किफायती दर पर लोगों को हर तरह की सुविधा सुलभ हो। उद्यमियों, सभी विभागों के अफसरों के आए सुझावों को जल्द ही अमल में लाया जाएगा। फिलहाल आडिटोरियम संग हाट व अन्य स्थलों को तत्काल प्रभाव से उपयोग में लाया जाएगा।

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