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सैमसंग के सामने धाराशायी हुआ एपल

एपल ने कई बड़े-बड़े दांव खेले ताकि वह फोन मार्केट में सैमसंग के आधिपत्य को समाप्त कर अपने नाम को स्थापित कर पाए। इस कड़ी में अपने महंगे आइफोन को कम कीमत में बेचना, अपने सबसे महंगे आइफोन 5एस और कथित तौर पर सस्ते आइफोन 5सी जैसे नए डिवाइस लॉंच करना आदि सभी पैंतरे आजमाने के बाद भी एपल, सैमसंग का सामना करने में पूरी तर

By Edited By: Updated: Tue, 29 Oct 2013 05:30 PM (IST)
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एपल ने कई बड़े-बड़े दांव खेले ताकि वह फोन मार्केट में सैमसंग के आधिपत्य को समाप्त कर अपने नाम को स्थापित कर पाए। इस कड़ी में अपने महंगे आइफोन को कम कीमत में बेचना, अपने सबसे महंगे आइफोन 5एस और कथित तौर पर सस्ते आइफोन 5सी जैसे नए डिवाइस लॉंच करना आदि सभी पैंतरे आजमाने के बाद भी एपल, सैमसंग का सामना करने में पूरी तरह विफल ही साबित हुआ है।

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हाल ही में जारी हुई रिपोर्ट की मानें तो तीसरी तिमाही के नतीजों के अनुसार जुलाई-सितंबर में सैमसंग ने 35 प्रतिशत हिस्सेदारी कायम की है और करीब 88.4 लाख सैमसंग डिवाइस की शिपमेंट की है। पिछली बार की तुलना में सैमसंग ने 55 प्रतिशत मुनाफा हासिल किया है वहीं सभी दांव-पेंच खेलने के बाद भी एपल के हाथ कुछ खास नहीं लगा है।

दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग ने जुलाई-सितंबर 2012 में 32.9-33 प्रतिशत तक का मुनाफा दर्ज किया था जबकि इस बार सैमसंग को 55 प्रतिशत का लाभ हुआ है। इसके विपरीत एपल ने इस दौरान 33.8 लाख डिवाइसेस की शिपमेंट की लेकिन अपनी गति को बरकरार रखने में असफल ही साबित हुई जिसकी वजह से एपल को 13.4 प्रतिशत का घाटा उठाना पड़ा, हालांकि यह घाटा पिछली बार 15.6 प्रतिशत का था।

विशेषज्ञों का कहना है कि चौथी तिमाही में आइफोन 5एस सभी देशों में लॉंच हो जाएगा और बहुत हद तक संभव है इसका फायदा एपल को मिल जाए और उसकी बिक्री में बढ़ोत्तरी हो। अब एपल सैमसंग को हराकर इस रेस में जीत पाता है या नहीं यह बात तो देखने वाली होगी लेकिन इसके लिए थोड़ा इंतजार जरूर करना पड़ेगा।

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