गूगल लाया एंटी फिशिंग फीचर, अब हैकर्स नहीं चुरा पाएंगे यूजर्स की जानकारी
गूगल ने आईओएस यूजर्स के लिए एक एंटी फिशिंग सिक्योरिटी चेक जारी किया है जिससे निजी जानकारी को हैक होने से रोका जा सकता है
नई दिल्ली (जेएनएन)। हैकर्स साइबर अटैक के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल करते हैं जिसमें फिशिंग (Phishing) भी शामिल है। हालांकि, यह काफी पुराना तरीका है। लेकिन फिर भी यह सबसे कॉमन और कुशल तरीका माना जाता है। आज भी कई बैंकिंग मालवेयर और रैनसमवेयर अटैक्स इसी के जरिए किए जाते हैं। इसमें यूजर्स को अलग-अलग मालवेयर से प्रभावित लिंक और अटैचमैंट भेजे जाते हैं। पिछले कुछ वर्षों में फिशिंग या स्कैम्स में काफी बढ़ोतरी हुई है। यही कारण है कि यह उन खतरों में से एक है जिसका सामना यूजर्स पिछले काफी समय से कर रहे हैं।
गूगल ने जारी किया एंटी-फिशिंग सिक्योरिटी चेक:इस मामले से निपटने के लिए गूगल ने एक सिक्योरिटी डिफेंस जारी किया है जो करोड़ों जीमेल यूजर्स को फिशिंग ई-मेल्स से बचाने में मदद करेगा। गूगल ने आईफोन और आईपैड यूजर्स के लिए एक नया एंटी-फिशिंग सिक्योरिटी चेक जारी किया है। इसके जरिए अगर यूजर्स फोन में जीमेल एप से किसी भी फिंशिंग ई-मेल पर क्लिक करते हैं तो उनके पास वार्निंग मैसेज आ जाएगा। इसे सभी यूजर्स के पास उपलब्ध कराने के लिए दो हफ्ते का समय लगेगा।
गूगल देगा सिक्योरिटी वार्निंग:
गूगल के मुताबिक, अगर यूजर किसी ऐसे लिंक पर क्लिक करता है जो गूगल के हिसाब से संदिग्ध हो सकता है तो स्क्रीन पर इससे संबंधित एक वार्निंग पॉप-अप आ जाएगा। इस वार्निंग में बताया गया होगा कि जिस वेबसाइट पर आप जाने की कोशिश कर रहे हैं वो सिक्योर नहीं है। यूजर को कुछ ऐसा मैसेज मिलेगा, “This link leads you to an untrusted site. Are you sure you want to proceed to example.com?” अगर यूजर पहली वार्निंग को नजरअंदाज कर आगे बढ़ता है तो जीमेल एप दूसरी वार्निंग का मैसेज देगा, जिसमें विस्तार से उस संदिग्ध वेबसाइट की जानकारी दी गई होगी। यह मैसेज कुछ ऐसा होगा, “Warning – phishing (web forgery) suspected. The site you are trying to visit has been identified as a forgery, intended to trick you into disclosing financial, personal or other sensitive information. You can continue to example.com at your own risk.”
एंड्रायड यूजर्स के लिए भी उपलब्ध:
ऐसा ही फीचर एंड्रायड जीमेल यूजर्स के लिए मई में जारी किया गया था। हालांकि, यह फीचर हर फिशिंग ईमेल को डिटेक्ट नहीं कर पाता है। इससे यूजर्स की जानकारी को खतरा हो सकता है। ऐसे में किसी भी ई-मेल के अटैचमैंट या लिंक पर क्लिक करने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी लेना बेहद आवश्यक है। इसके अतिरिक्त, जीमेल यूजर्स को टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन भी इनेबल करना जरुरी है। इससे अगर हैकर्स यूजर्स की निजी जानकारी को चुराने की कोशिश करते हैं तो वो यूजर के फोन या यूएसबी क्रिप्टोग्राफिक की (USB cryptographic key) के बिना उनके अकाउंट को एक्सेस नहीं कर पाएंगे।
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