क्या आप भी रहते हैं गूगल मैप्स के भरोसे, तो पढ़ लें यह रिपोर्ट
भारत का सर्वेक्षण विभाग चाहता है कि भारतीय यूजर गूगल मैप्स जैसी विदेशी कंपनियों द्वारा तैयार किए गए नक्शे पर अपनी निर्भरता कम करे।
By Sakshi PandyaEdited By: Updated: Mon, 26 Jun 2017 08:00 AM (IST)
नई दिल्ली (जेएनएन)। भारत का सर्वेक्षण विभाग चाहता है कि भारतीय यूजर गूगल मैप्स जैसी विदेशी कंपनियों द्वारा तैयार किए गए नक्शे पर अपनी निर्भरता कम करे। विभाग का मानना है कि विदेशी कंपनियों द्वारा तैयार किए गए ये मैप्स अप्रमाणित हैं। भारत के सर्वेक्षक जनरल स्वर्ण सुब्बा राव ने गुरुवार को कहा कि गूगल मैप्स प्रमाणीकृत नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि यूजर्स केवल रेस्त्रां और पार्कों खोजने के लिए बड़े पैमाने पर इनका उपयोग करते हैं। सरकार को उन पर भरोसा नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के नक्शों का सीरियस एप्लीकेशन के लिए यूज नहीं करना चाहिए। सड़कों और रेलवे पटरियों को बिछाने के लिए राष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा तैयार किए गए नक्शों का उपयोग किया जाता है।भारत के सर्वेक्षण का हेडक्वार्टर देहरादून में स्थित है और यह जियोफिजिकल सर्वे भौगोलिक नक्शे और एयरोनॉटिकल चार्ट को बनाने के लिए जिम्मेदार है। राव ने राजधानी में एक इवेंट में कहा कि हम भारतीय लोगों से कह रहे हैं कि वे सर्वे ऑफ इंडिया के द्वारा तैयार किए गए नक्शे का उपयोग करें, विदेशी कंपनियों द्वारा विकसित किए गए मैप्स का उपयोग उन्हें नहीं करना चाहिए।
इस इवेंट में दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा मौजूद थे। उन्होंने कहा कि भारत के 250 वर्ष पुराने सर्वे ऑफ इंडिया ने चुनौतियों से निपटने के लिए नई टेक्नोलॉजीस को अपनाया है और डिजिटल मैप्स को पब्लिश करना शुरू कर दिया है। सिन्हा ने कहा कि टेक्नोलॉजी बहुत तेजी से बदल रही है और सर्वे ऑफ इंडिया देश की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए तेजी से काम कर रही है। सर्वे ऑफ इंडिया ने हाल के दिनों में हैदराबाद क्षेत्र में सर्वे के लिए ड्रोन्स का उपयोग करना शुरू किया है।