फेसबुक की दो टूक, प्राइवेसी पॉलिसी से है दिक्कत तो छोड़ दें व्हाट्सएप
व्हाट्सएप काउंसिल कपिल सिब्बल ने कोर्ट को आश्वासन दिया है कि यूजर्स के चैट और वॉयस कॉल्स एन्क्रिप्टेड होती हैं। इन्हें थर्ड पार्टी द्वारा नहीं पढ़ा जा सकता है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। इंस्टेंट मैसेजिंग व्हाट्सएप इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के लिए फेसबुक की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में एक बयान दिया गया है। फेसबुक की तरफ से कहा गया है कि जिन यूजर्स को फेसबुक और व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी से परेशानी है वो इसे छोड़ सकते हैं। आपको बता दें कि फेसबुक व्हाट्सएप की स्वामित्व वाली कंपनी है। व्हाट्सएप काउंसिल कपिल सिब्बल ने कोर्ट को आश्वासन दिया है कि यूजर्स के चैट और वॉयस कॉल्स एन्क्रिप्टेड होती हैं। इन्हें थर्ड पार्टी द्वारा नहीं पढ़ा जा सकता है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया है कि यूजर और व्हाट्सएप के बीच प्राइवेट डोमेन में कॉन्ट्रैक्ट किया जाता है और इसी के चलते संवैधानिक तौर पर इस पॉलिसी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा टेस्ट नहीं किया जा सकता है।
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच से कहा है, “हम नए डाटा प्रोटेक्शन के रेग्यूलेटरी व्यव्स्था ला रहे हैं। चुनने की आजादी को प्रोटेक्ट किया जाएगा और इसमें कोई शक नहीं है”। आपको बता दें कि इस मामले की अगली सुनवाई 15 मई को होगी।
क्या है पूरा मामला?
2016 की शुरुआत में कंपनी ने एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन पेश किया था, जिसके तहत यूजर्स की पर्सनल चैट कोई थर्ड पार्टी नहीं पढ़ सकती थी। लेकिन 2016 के आखिरी में फेसबुक ने व्हाट्सएप यूजर्स की निजी जानकारी फेसबुक पर शेयर करने की बात कही। इस कदम के पीछे कंपनी का मानना है कि वह फेसबुक के जरिए यूजर्स को और भी ज्यादा टारगेटेड विज्ञापन और बेहतर फ्रेंड सजेशन देगा। हालांकि., ये एड आपको व्हाट्सएप पर नहीं फेसबुक पर ही नजर आएंगे। व्हाट्सएप ने यूजर्स का नंबर फेसबुक पर शेयर होने की बात कही थी। लेकिन इस स्वाइपिंग से आपका प्रोफाइल फोटो, स्टेट्स, कॉन्टैक्ट डिटेल, पर्सनल मेल आईडी, कॉन्टैक्ट लिस्ट, ब्राउजर डिटेल, हार्डवेयर नंबर और डिटेल जैसी चीजें फेसबुक से शेयर की जा सकती हैं।
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