फेसबुक पर वायरल हो रही FAKE न्यूज, FiB नाम का सिस्टम करेगा मदद, ऐसे करें प्रयोग
सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक काफी बड़ा प्लेटफॉर्म है। यहां से यूजर्स को अपने दोस्तों से लेकर अपने आस-पास चल रही खबरों का भी पता चल सकता है
नई दिल्ली (शिल्पा श्रीवास्तवा)। सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक काफी बड़ा प्लेटफॉर्म है। यहां से यूजर्स को अपने दोस्तों से लेकर अपने आस-पास चल रही खबरों का भी पता चल सकता है। कई यूजर्स खबर पढ़ने के लिए भी फेसबुक देखते हैं। सही खबरों के अलावा कई बार फेक खबर भी वायरल हो जाती है, जो यूजर के दिमाग पर गलत असर डालती हैं। फेसबुक ऐसी ही फेक खबरों के लिए एक बार फिर चर्चाओं में आ गया है। दरअसल, अमेरिका में चुनावों से पहले फेसबुक को फेक खबरों का बड़ा केंद्र बताया गया था। हालांकि, इस पर फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने एक पोस्ट भी किया था, जिसमें उन्होंने पूरे मामले पर सफाई दी थी।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के चार छात्रों नाबानीता डे, अनंत गोयल, क्यूइंगलिन चेन और मार्क क्राफ्ट ने फेसबुक की फेक खबरों से निपटने के लिए एक सिस्टम FiB तैयार किया है। यह सिस्टम फेक और रियल खबरों को 36 घंटों के अंदर अलग करता है। यह एक क्रोम एक्सटेंशन है, जो फेसबुक से लिंक होकर खबरों को सत्यापित करता है। खबरों के मुताबिक, FiB सही खबरों को विश्वसनीय स्त्रोत द्वारा यूजर्स तक पहुंचाने का काम करेगा। इन छात्रों ने इसे एक ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट बनाकर जारी किया है, जिसमें इसे बेहतर बनाने के लिए सुझाव भी दिए जा सकते हैं।
कैसे करें FiB का इस्तेमाल?
गूगल पर FiB टाइप कर एंटर करें। इसके बाद इसके एक्सटेंशन को डाउनलोड कर लें। क्रोम पर ऊपर की तरफ दायीं ओर FiB का आइकन दिया गया होगा। अपना फेसबुक भी आपको लॉगइन करना होगा। जब आप इस आइकन पर क्लिक करेंगे तो FiB active का पॉपअप आएगा।
1- जब यूजर फेसबुक पर कुछ देख रहा होता है तो यह एक्सटेंशन फेसबुक की न्यूज फीड में जाता है और खबरों की पुष्टि करता है। यह खबर स्टेट्स अपडेट्स, इमेज या लिंक हो सकते हैं। इसमें खबर से जुड़े तथ्यों को जांचा जाता है। अगर कोई भी तथ्य गलत नजर आते हैं तो उनकी जगह विश्वसनीय स्त्रोत द्वारा सही खबर दिखाई जाती है।
2- अगर कोई भी पोस्ट (चाहे वो शेयर ही क्यों न किया गया हो) गलत साबित होता है तो उसे हटा दिया जाता है।
फेसबुक ने कहा है कि यह सिस्टम फेक खबरों को रोकने के लिए काम करेगा। वहीं, गूगल ने भी इस समस्या से निपटने के लिए नई पॉलिसी बनाने का वादा किया है। आपको बता दें कि फेसबुक ट्रेंडिग न्यूज सेक्शन में एल्गोरिथम के मुताबिक खबर दी जाती हैं। इसके बावजूद भी अगर कोई फेक न्यूज टॉप ट्रेंड कर रही है तो इसका सीधा मतलब है कि एल्गोरिथम तथ्य और व्यंग के बीच अंतर नहीं कर पा रहा है।
फेक खबर से बचने के तरीके:
1. यूजर फेसबुक का इस्तेमाल खबर पढ़ने के लिए न करें।
2. जब तक कोई विश्वसनीय स्त्रोत न मिले तब तक खबर पर भरोसा न करें।