एप डाउनलोड के बाद सोशल मीडिया अकाउंट से लॉग इन करने से बचें, जानें क्यों
सोशल मीडिया के जरिए लॉग इन करने पर यूजर्स की प्राइवेसी को खतरा होता है
नई दिल्ली (जेएनएन)। ज्यादातर एप्स साइन अप कराने से पहले यूजर्स की पर्सनल डिटेल्स मांगते हैं। जैसे यूजर्स की उम्र, जन्म तिथि, ईमेल पता और फोन नंबर। यूजर्स इन डिटेल्स को मैन्युअल रूप से दर्ज कर सकते हैं या यूजर्स उन एप्स को सोशल नेटवर्क जैसे कि गूगल, फेसबुक या ट्विटर पर उपलब्ध डाटा का उपयोग करने की अनुमति दे सकते हैं। जिसके द्वारा एप्स को आपको बार-बार साइन इन करने की जरुरत नहीं होती। इस प्रोसेस को सोशल लॉग-इन के रूप में भी जाना जाता है और स्मार्टफोन यूजर्स आसानी से लॉग इन कर पाते हैं। इसके अलावा इस प्रोसेस से यूजर्स को बार-बार लॉग इन होने के झंझट से मुक्ति मिलती है और समय की भी बचत होती है।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस तरह से लॉग इन करने पर आपकी प्राइवेसी को खतरा होता है। इसके साथ आपकी प्राइवेट डिटेल्स की जानकारी इन एप्स को मिल जाती है। एप डेवलपर्स यूजर्स के परमिशन के बिना नए तरीकों से अन्य एप्स तक पहुंच प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।
यूजर्स की पर्सनल डिटेल्स की रखते है जानकरी:
हाल ही के एक अध्ययन में पता चला है कि प्ले स्टोर पर हजारों एप्लिकेशन यूजर्स की संवेदनशील जानकारी तक पहुंचने की कोशिश करते है। इसके अलावा ये एप्स यूजर्स की निजी जानकरियों को दूसरे एप्स के साथ साझा करते हैं, जिन्हें उपयोगकर्ता की अनुमति के बिना साझा किया जाता है। सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से इन एप्स को लॉग इन करने का मतलब है कि आप अपनी निजी जानकारियों को खुद उन एप्स को दे रहे हैं।
ऐसे करें एक्सेस:
कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे की फेसबुक, गूगल प्लस यह सुनिश्चित करते हैं कि कही ये एप्स यूजर्स के निजी जानकरियों का दुरुपयोग तो नहीं कर रहे हैं। यूजर्स ऐसे एप्स की जानकरी इस तरह से ले सकते हैं। इसे फेसबुक से एक्सेस करने के लिए, मेनू > अकाउंट सेटिंग्स > ऐप्स पर जाएं। गूगल प्लस से एक्सेस करने के लिए, गूगल+ साइन-इन के साथ मेनू-> अकाउंट-> एप्लिकेशन पर जाएं। किसी भी नए एप को लॉग इन करने के लिए सोशल मीडिया अकाउंट का इस्तेमाल ना करना ही बेहतर होगा।
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