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पब्लिक वाईफाई इस्तेमाल करने से 96 प्रतिशत भारतीयों पर मंडरा रहा खतरा

पब्लिक वाईफाई इस्तेमाल करने वाले 96 प्रतिशत भारतीयों पर बैंक डिटेल्स, पर्सनल इमेज और वीडियो जैसी अहम जानकारियां लीक होने का खतरा मंडरा रहा है

By Ankit DubeyEdited By: Updated: Wed, 19 Jul 2017 11:47 AM (IST)
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पब्लिक वाईफाई इस्तेमाल करने से 96 प्रतिशत भारतीयों पर मंडरा रहा खतरा

नई दिल्ली (जेएनएन)। पब्लिक वाईफाई इस्तेमाल करने वाले 96 प्रतिशत भारतीयों पर बैंक डिटेल्स, पर्सनल इमेज और वीडियो जैसी अहम जानकारियां लीक होने का खतरा मंडरा रहा है। साइमैंनटेक द्वारा नॉर्टन ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। साइमैंनटेक द्वारा नॉर्टन वाईफाई रिस्क रिपोर्ट 2017 के अनुसार मुफ्त इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के लालच ने उन्हें जोखिम में डाल दिया है।

साइमैंनटेक ने क्या कहा?
साइमैंनटेक, उपभोक्ता व्यवसाय इकाई के देश प्रबंधक, रितेश चोपड़ा ने कहा, "काफी हद तक यह दुविधा का विषय है कि पब्लिक वाईफाई का उपयोग करने से पहले लोगों को यह नहीं पता कि वह इसके इस्तेमाल से किसी परेशानी में तो नहीं आ रहे।" उन्होंने कहा, "क्या कोई इस बारे में सोचता है कि अगर वह अपने पर्सनल डिवाइस में आसानी से किसी असुरक्षित वाई-फाई नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहा है तो साइबर क्रिमिनल्स के पास उनके डिवाइस में मौजूद सभी निजी जानकारियां ट्रांसफर हो रही हैं।"

क्या कहती है रिपोर्ट?
रिपोर्ट के अनुसार 73 प्रतिशत भारतीय अपने स्मार्टफोन को इस्तेमाल करने के लिए फ्री वाईफाई सिगनल्स की तलाश में रहते हैं। इसमें 35 प्रतिशत तीन मिनट का विज्ञापन देखते हैं, 19 प्रतिशत ई-मेल खोलने के लिए, 22 प्रतिशत निजी फोटोग्राफ के लिए, 16 प्रतिशत ऑनलाइन डेटिंग के लिए, 19 प्रतिशत कॉन्टैक्ट लिस्ट और 19 प्रतिशत सोशल मीडिया प्रोफाइल्स इस्तेमाल करते हैं।

सुरक्षा का सुझाव:
रिपोर्ट में बताया गया है कि 31 प्रतिशत भारतीय पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल स्पष्ट या सुझाव वाले कन्टेंट्स देखते हैं जिनमें 44 प्रतिशत सिर्फ अपने पर्सनल काम के लिए और 49 प्रतिशत होटल्स की तलाश करने के लिए करते हैं। हालांकि रिपोर्ट वेब पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपायों का सुझाव देती है जिसमें वेबसाइट पर जाकर वेब पेजों में वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) और 'HTTPS' (हाइपरटेक्स ट्रांसफर प्रोटोकॉल सिक्योर) की तलाश में शामिल हैं।