एडोबी का यह फ्लैश मीडिया प्लेयर होने जा रहा है बंद, वीडियो क्लिप और गेम में होता था इस्तेमाल
जब एडोबी ने फ्लैश को 2005 में लॉन्च किया था, तो यह टेक्नोलॉजी करीब 98 फीसद कम्प्यूटर्स पर थी
नई दिल्ली (जेएनएन)। वीडियो क्लिप्स और ऑनलाइन वीडियो गेम्स खेलने के लिए कभी लोकप्रिय रहा एडोबी फ्लैश प्लेयर अब बंद होने जा रहा है। टेक्नोलॉजी कंपनी ने मंगलवार को ऐलान किया है कि वह चरणबद्ध तरीके से फ्लैश को 2020 तक रिटायर कर देगी। ज्यादातर लोग अपने कंप्यूटर सिस्टम में फ्लैश का यूज करते थे, लेकिन अपराधी भी टेक्नोलॉजी में खामी का इस्तेमाल करते हुए लोगों के कंप्यूटर्स को हैक कर लेते थे। दुनिया की सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनी के लिए फ्लैश की बढ़ती खामियां उसके लिए सिरदर्द बन गई थीं।
अब कंपनी ने कहा है कि वह 2020 के बाद एडोबी फ्लैश के लिए कोई अपडेट रिलीज नहीं करेगी और वेब ब्राउजर भी इसे सपॉर्ट करना बंद कर देंगे। ये कंपनियां डेवलपर्स को प्रमोट कर रही हैं कि वे अपने सॉफ्टवेयर को लेटेस्ट प्रोग्रामिंग स्टैंडर्ड्स पर माइग्रेट करें।
साल 2010 में एप्पल के दिवंगत सीईओ स्टीव जॉब्स ने 1700 शब्दों का एक लेटर लिखा था, जिसमें उन्होंने फ्लैश की विश्वसनीयता, सिक्योरिटी और परफॉर्मेंस पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने टचस्क्रीन डिवाइस जैसे आईफोन और आईपैड के लिए इसकी खराब डिजाइन को लेकर भी उन्होंने कमियां बताई थीं। यही वजह थी कि उन्होंने इसे आईफोन पर न लाने का फैसला लिया।
इसके बाद से ही एडोबी की लोकप्रियता कम होने लगी थी और एचटीएमएल5 जैसी तकनीकें सामने आने लगीं। 20 साल पहले इस सॉफ्टवेयर पर चलने वाले कई गेम्स, वीडियो प्लेयर और ऐप्स बनाए गए थे, जो करीब-करीब हर वेब ब्राउजर्स पर चलते थे। जब अडोब ने फ्लैश को 2005 में लॉन्च किया था, तो यह टेक्नोलॉजी करीब 98 फीसद कम्प्यूटर्स पर थी। मगर, अब इसके यूजर्स की संख्या लगातार घटती ही जा रही है। साल 2014 में 80 फीसद डेस्कटॉप पर एडोब फ्लैश प्लेयर था, लेकिन 2017 में इसके यूजर्स की संख्या घटकर 17 फीसद से भी कम हो गई है।
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