स्मार्टफोन यूजर्स के लिए जानना जरूरी, किस तरह IMEI नंबर बन सकता है खतरा
IMEI नंबर बदलने वाला गैंग सॉफ्टवेयर की मदद से डिवाइस से आईएमईआई नंबर को डिलीट करते हैं
नई दिल्ली (जेएनएन)। हाल ही में आई एक खबर में पता चला है कि फोन्स के IMEI नंबर बदलने वाला गैंग इन दिनों दिल्ली पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है। दिल्ली पुलिस की एक रिपोर्ट के अनुसार यह गैंग चाइनीज फोन हैकिंग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं। साथ ही यह फोन की आईएमईआई नंबर को भी बदल देते हैं।
'बेस्ट स्मार्ट टूल' नाम के सॉफ्टवेयर का करते हैं इस्तेमाल:
रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस को 'बेस्ट स्मार्ट टूल' नाम का एक सॉफ्टवेयर और चीन आधारित फर्म की Z3xbox डिवाइस मिली है। इस सॉफ्टवेयर को लैपटॉप से कनेक्ट किया गया था। इसके साथ ही यह फोन से कनेक्ट था। फोन से कनेक्ट होने के बाद सॉफ्टवेयर डिवाइस के आईएमईआई नंबर को डिलीट कर देता है।
कुछ ही IMEI नंबरों का कर सकते हैं इस्तेमाल:
इसके बाद डेवलपर फोन में एक नया सिम कार्ड लगाता है। जिसके बाद फोन टावर्स को एक नया आईएमईआई नंबर रिले करता है। लेकिन आपको बता दें कि इस प्रक्रिया की कुछ सीमाएं भी हैं। हैकर डिवाइसेज के कुछ ही आईएमईआई नंबरों को चुन सकते हैं। फलस्वरूप, कई फोन्स में एक ही नंबर होता है। इसके साथ ही, सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल के बाद ही फोन के आईएमईआई को बदला जा सकता है।
पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, ये गैंग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं क्योंकि नकली या नये आईएमईआई नंबरों वाले डिवाइस पर नजर रखना मुश्किल होता है। साथ ही पुलिस को शक है कि इस गिरोह के रिश्ते जम्मू-कश्मीर से हैं।
संदिग्ध गतिविधियों के लिए खरीदते थे चाइनीज फोन्स:
इससे पहले, अपराधी और आतंकवादी संदिग्ध गतिविधियों के लिए चाइनीज फोन्स का इस्तेमाल करते थे, जिनमें आईएमईआई नंबर नहीं होते थे। जिसके बाद, भारत सरकार ने सभी हैंडसेट के लिए आईएमईआई नंबर को अनिवार्य कर दिया।
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