कॉल ड्रॉप पर जवाब दे केंद्र व TRAI: हाईकोर्ट
कॉल ड्रॉप पर भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) की मुआवजा नीति पर स्थगनादेश जारी करने की मांग के साथ दूरसंचार कंपनियों द्वारा दाखिल की गई याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और TRAI का जवाब मांगा है।
कॉल ड्रॉप पर भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) की मुआवजा नीति पर स्थगनादेश जारी करने की मांग के साथ दूरसंचार कंपनियों द्वारा दाखिल की गई याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और TRAI का जवाब मांगा है।
मुआवजा नीति के तहत प्रत्येक कॉल ड्रॉप के लिए मोबाइल उपभोक्ता के मोबाइल खाते में कंपनी के खाते से एक रुपये जमा हो जाएगा। ऐसा दिन में अधिकतम तीन बार होगा। यह योजना जनवरी 2016 से शुरू होगी।
याचिका दो दूरसंचार उद्योग संघों -सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया और एसोसिएशन ऑफ यूनीफाइड टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स ऑफ इंडिया- ने दाखिल की है।
मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ ने केंद्र और TRAI से 22 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
कंपनियों ने याचिका में TRAI के 16 अक्टूबर को दिए आदेश को नुकसानदेह बताया और इसे खारिज करने की मांग की।
कंपनियों ने कहा कि TRAI के पास TRAI अधिनियम के तहत आखिरी उपभोक्ता को मुआवजा देने का अधिकार नहीं है। इसलिए यह आदेश अवैध है।