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डायबिटीज टाइप-1 की जांच के लिए नया और सस्ता डिवाइस

डायबीटीज टाइप-1 के लिए अब घर में ही परीक्षण कर सकते हैं वो भी बड़ी आसानी से, शोधकर्ताओं ने एक ऐसे डिवाइस का आविष्कार किया है जो सस्ता होने के साथ ही आसानी से हैंडल भी किया जा सकता है।

By Edited By: Updated: Mon, 14 Jul 2014 03:05 PM (IST)
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वाशिंगटन। डायबिटीज टाइप-1 के लिए अब घर में ही परीक्षण कर सकते हैं वो भी बड़ी आसानी से, शोधकर्ताओं ने एक ऐसे डिवाइस का आविष्कार किया है जो सस्ता होने के साथ ही आसानी से हैंडल भी किया जा सकता है।

वे लोग जिन्हें टाइप-1 डायबिटीज होने का रिस्क है वे नैनोटेक माइक्रो चिप पर आधारित डिवाइस का उपयोग कर सकते हैं। यदि यह बीमारी बाद में कभी होती है तो इस डिवाइस की मदद से डॉक्टर भी आसानी व जल्दी ट्रैक कर सकते हैं।

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ब्रायन फेल्डमैन ने कहा, 'इस नये टेस्ट से न केवल हम बीमारी का पता लगा सकते हैं बल्कि डायबिटीज को अच्छी तरह समझ भी सकते हैं।'

ये माइक्रोचिप हमें डायबिटीज मेलाइटस के दो रूप- टाइप-1 व टाइप-2 के बीच अंतर भी बता सकता है जो हाइ ब्लड शुगर के स्तर से मापा जा सकता है। लेकिन इन दोनों बीमारियों के इलाज अलग-अलग तरीके का है व कारण भी अलग है।

एंटीबडीज का पता लगाने के लिए ये माइक्रोचिप फ्लूओरोसेंश विधि पर आधारित है। टाइप-1 डायबिटीज ऑटोइम्यून बीमारी है जो बेमेल इम्यून सिस्टम के स्वस्थ ऊतकों पर हमले से होता है। दूसरे शब्दों में जब एक इंसान के एंटीबडीज उनके पैनक्रियाज में उपस्थित इंसुलिन उत्पादक कोशिकाओं पर हमला करते हैं। टाइप-1 से पीड़ित लोगों में ऑटो एंटीबडीज होते हैं जो टाइप-2 में नहीं होते और इसी विधि से टेस्ट किए जाते हैं।

यदि आपको अभी तक डायबिटीज नहीं है, लेकिन यदि एक ऑटो-एंटीबडी डायबिटीज से लिंक्ड है तो काफी संभावनाएं हैं कि आपको यह बीमारी लग सकती है।

नया माइक्रोचिप रेडियोएक्टीविटी का उपयोग नहीं करता है और रिजल्ट भी मिनटों में देता है। इसके उपयोग के लिए ज्यादा प्रशिक्षण की आवश्यकता भी नहीं। प्रत्येक चिप की कीमत करीब 20 डॉलर यानि 1,100 रुपये है। पुराने डायबिटीज की जांच की तुलना में इस माइक्रोचिप के उपयोग से काफी कम ब्लड की जरूरत होगी।

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