स्मार्टफोन और वीडियो गेम के एडिक्ट हो गए बच्चों का हो रहा इलाज, जानिए
सिएटल के पास स्थित रिस्टार्ट लाइफ सेंटर इस तरह के इलाज के लिए अकेला ऐसा सेंटर है, जो टीनएजर्स को स्मार्टफोन और टैबलेट जैसी डिवाइसेस से छुटकारा दिलाने में मदद करता है
नई दिल्ली (जेएनएन)। किसी भी चीज की लत बहुत बुरी होती है, जिससे छुटकारा पाना भी बेहद मुश्किल होता है। जैसे-जैसे दुनिया में टेक्नोलॉजी आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे तकनीक की लत भी बढ़ती जा रही है। टीएनजर्स, स्मार्टफोन, टैबलेट या डिवाइस का इतना ज्यादा इस्तेमाल करने लगे हैं, कि अब 13 से 18 साल तक के बच्चों को इससे मुक्ति दिलाने के लिए उनका इलाज करना पड़ रहा है। स्काई न्यूज की रिपोर्ट में बताया गया है कि सिएटल के पास स्थित रिस्टार्ट लाइफ सेंटर इस तरह के इलाज के लिए अकेला ऐसा सेंटर है, जो टीनएजर्स को स्मार्टफोन और टैबलेट जैसी डिवाइसेस से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।
13 से 18 साल तक के टीनएजर्स का होता है इलाज:यहां 13 से 18 साल तक के बच्चों का इलाज किया जाता है, जिसका नाम सेरेनिटी माउंटेन है। रिस्टार्ट ने एक बयान में कहा, “अंतहीन आभासी प्रभाव से भरी इस दुनिया में हमारे निजी और पारिवारिक संबंध बिगड़ रहे हैं।” केंद्र के संस्थापक डॉ. हिलारी कैश के हवाले से स्काई न्यूज ने बताया, “जब हम ऐसे डिवाइस बच्चों को देते हैं, तो वे डिवाइस से निकलने वाली आवाज और रोशनी के प्रति प्राकृतिक आवाज और रोशनी की तुलना में कहीं ज्यादा आकर्षित होते हैं। इसके कारण बच्चों की प्रकृति और समाज से जुड़ने की स्वाभाविकता खत्म हो जाती है।”
टीनएजर्स की यह लत छुड़ाने के लिए कई चरणों में इलाज किया जाता है। इसमें करीबन 8 से 12 हफ्तों का समय लगता है। यही नहीं, कई ऐसे बच्चे भी यहां मौजूद हैं, जिनके इलाज के लिए सालभर तक लग सकता है। आपको बता दें कि हाल ही के दिनों में स्मार्टफोन की लत व्यक्ति के लिए खतरनाक साबित हो रही है। सूचना प्रणाली जर्नल में प्रकाशित एक नए अध्ययन में पाया गया कि जो लोग स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, उन्हें व्यक्तिगत, सामाजिक और कार्यस्थल समस्याओं की परेशानी से जुझना पड़ता है।
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