भारत के सभी राज्यों में दिल्ली बना इस चीज में नंबर वन
IAMAI और नीलसन के इंडेक्स ऑफ इंटरनेट रेडीनेस ऑफ इंडियन स्टेट्स स्टडी के मुताबिक, दिल्ली सिर्फ छोटे राज्यों में ही नहीं बल्कि देश के सभी राज्यों में आगे है
नई दिल्ली (जेएनएन)। इंटरनेट तत्परता के अनुसार दिल्ली ई-इन्फ्रास्ट्रक्चर, ई-सहभागिता, आईटी पर्यावरण, सरकारी ई-सेवाओं जैसे क्षेत्रों में शीर्ष राज्य के तौर पर उभरा है। यह बात इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया यानि IAMAI की एक रिपोर्ट में कही गई है। IAMAI और नीलसन के इंडेक्स ऑफ इंटरनेट रेडीनेस ऑफ इंडियन स्टेट्स स्टडी के मुताबिक, इंटरनेट तत्परता में दिल्ली देश के सभी राज्यों में आगे है। वहीं, दिल्ली के बाद कर्नाटक, महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडु जगह बनाने में कामयाब हुए हैं। इसके साथ ही ई-इन्फ्रास्ट्रक्चर और ई-सहभागिता में चंडीगढ़ दूसरे नंबर है तो पण्डीचेरी तीसरे नंबर पर है।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की सचिव अरुणा सुंदरराजन ने उम्मीद जताई है, “भारत आने वाले 5 से 6 सालों में 155वे स्थान से दुनिया के टॉप 5 कनेक्टिविटी वाले देशों में शामिल हो जाएगा”। साथ ही उन्होंने कहा, “भारत मौजूदा समय में तेजी से डिजिटल हो चुकी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। इससे दूरसंचार उद्योग में काफी बड़ा बदलाव आया है। इंटरनेट की पहुंच और बेहतर कनेक्टिविटी के लिए चंदीगढ़, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसी राज्य सरकारों ने कई सक्रीय कदम उठाएं हैं।
पूर्वोत्तर राज्यों में, नागालैंड सबसे शीर्ष पर है। इसके बाद नंबर मणिपुर और त्रिपुरा का हैं। नागालैंड आईटी पर्यावरण में आगे है। साथ ही यह राज्य अन्य श्रेणियों में भी बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कर्नाटक, दिल्ली और महाराष्ट्र डिजिटल स्टार्ट-अप्स में टॉप 3 राज्यों में शामिल हैं। अध्ययन में कहा गया है कि देश में कुल 242 स्टार्टअप इन्क्यूबेटर में से 61 स्टार्टअप इनक्यूबेटर तमिलनाडु में हैं। करीब 83 फीसद इन्क्यूबेटर्स तमिलनाडू, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल, तेलगांना, गुजरात, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और राजस्थान से हैं। नॉर्थ-ईस्ट में मणिपुर के अलावा किसी भी राज्य में इन्क्यूबेटर नहीं है और मणिपुर में भी सिर्फ एक ही इन्क्यूबेटर है।
इसके साथ ही सुंदरराजन ने कहा, “विभिन्न स्वदेशी डिजिटल प्लेटफार्म्स में क्रिएटिव और विघटनकारी स्टार्टअप के साथ भारत में सबसे बड़ा क्षेत्र है। नोटबंदी के बाद, देश में 3 मिलियन प्वाइंट ऑफ सेल यानि POS हैं, जो पहले 1.5 लाख ही थीं। यह अपने आप में एक बड़ा बदलाव है”।
यह भी पढ़ें:
मई से भारत में असेंबल होने लगेगा एप्पल का आईफोन, कर्नाटक से होगी शुरुआत