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Doublelocker वायरस से एंड्रॉयड यूजर परेशान, मांग रहा है फिरौती

यह वायरस यूजर के स्मार्टफोन का पिन चेंज कर डाटा में सेंधमारी कर रहा है। साथ ही यूजर्स से फिरौती की भी मांग कर रहा है

By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Tue, 31 Oct 2017 10:47 AM (IST)
Doublelocker वायरस से एंड्रॉयड यूजर परेशान, मांग रहा है फिरौती

नई दिल्ली (जेएनएन)। एंड्रॉयड स्मार्टफोन यूजर्स पर वायरस का खतरा बना रहता है। अगर आप भी एंड्रॉयड यूजर हैं तो आपको सावधान रहने के जरुरत है। दरअसल, एंड्रॉयड फोन पर एक नए रैनसमवेयर DoubleLocker का खतरा मंडरा रहा है। यह वायरस यूजर के स्मार्टफोन का पिन चेंज कर डाटा में सेंधमारी कर रहा है। साथ ही यूजर्स से फिरौती की भी मांग कर रहा है।

DoubleLocker कैसे करता है अटैक?

आपको बता दें कि यह वायरस फोन में सेंधमारी कर होम एप्लीकेशन में डिफॉल्ट तौर पर सेट हो जाता है। इसके बाद यूजर्स जैसे ही फोन के होम बटन पर टैप करते हैं तो यह वायरस एक्टिवेट हो जाता है और फोन को लॉक कर देता है, जिसके बाद यह फोन का पिन चेंज करता है और फोन से यूजर्स की सारी जानकारी चुरा लेता है। फोन का पिन बदल देने से यूजर्स फोन को एक्सेस नहीं कर पाते हैं।

यूजर्स से मांगता है फिरौती:

DoubleLocker वायरस यूजर्स से 4,000 रुपये की फिरौती मांगता है। यह राशि यूजर्स को 24 घंटे के भीतर देनी होती है। अगर यूजर फिरौती नहीं देते हैं तो हैकर्स डेटा को करप्ट करने की धमकी देते हैं। खबरों की मानें तो यह एक ऐसा रैनसमवेयर है जो बिना फिरौती लिए यूजर्स का डाटा वापस नहीं करता है।

जानें क्या है रैनसमवेयर?

रेनसमवेयर एक तरह का साइबर हमला है। यह वायरस यूजर के कंप्यूटर पर पूरी तरह से कंट्रोल कर पेमेंट की डिमांड करता है। यह वायरस सिर्फ कंप्यूटर ही नहीं बल्कि स्मार्टफोन को भी नुकसान पंहुचा सकता है। यह वायरस बिना आपकी जानकारी के कंप्यूटर या स्मार्टफोन को नुकसान पहुंचाने वाला सॉफ्टवेयर डाउनलोड कर लेता है, इसके जरिये ये यूजर की जानकारी को एन्क्रिप्ट कर लेता है। इस तरह हैकर के पास यूजर के डाटा पर पूरा-पूरा एक्सेस हो जाता है। फिर हैकर यूजर को उसका डाटा ब्लॉक करने की धमकी दे उससे पैसे वसूलता है।

ऐसे साइबर अटैक से आप कैसे बचें?

हालांकि यह एक खतरनाक वायरस है। लेकिन फिर भी कुछ सावधानियां बरत कर आप इससे बच सकते हैं।

डाटा का बैकअप रखें:

रेनसमवेयर वायरस से सबसे ज़्यादा नुक्सान डाटा का होता है। यूजर का पर्सनल डाटा, फोटोज, डाक्यूमेंट्स आदि सभी पर अटैक होता है। इसलिए सबसे पहले आप अपने डाटा का पूरा बैकअप रखें। यह भी ख्याल रखें की यह बैकअप आपने इंटरनेट का इस्तेमाल करके न किया हो। कोशिश करें कि बैकअप किसी हार्ड ड्राइव में रख लें। इससे कितना ही खतरनाक वायरस हो, आपके डाटा का कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा।

एंटी वायरस है जरुरी:

किसी भी कंप्यूटर या स्मार्टफोन में एंटी वायरस होना बेहद जरुरी है। एंटी वायरस रेनसमवेयर या किसी अन्य खतरनाक वायरस से भी बचने में आपकी मदद करता है। एंटी वायरस आसानी से पहचान लेता है की आपकी डिवाइस में कौन सा वायरस है।

किसी भी एप या लिंक पर न करें क्लिक:

रेनसमवेयर फाइल या डाटा को हैक करने के लिए सबसे पहले डिवाइस में कुछ एप डाउनलोड करता है। ऐसे में कई बार ब्राउज करते वक्त कुछ ऐसे पॉप-अप लिंक सामने आते हैं और हम ज्यादा ध्यान ना देते हुए क्लिक कर देते हैं। ऐसा बिल्कुल भी न करें। कोई भी ऐसा लिंक, एप या कुछ भी जिस पर जरा सा भी संदेह हो, उसपर क्लिक न करें।

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