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इस हरकत के लिए गूगल ने कंपनी से की सॉफ्टवेयर इंजीनियर की छुट्टी

गूगल ने जेंडर स्टीरियोटाइप पर बात करने के चलते कंपनी से सॉफ्टवेयर इंजीनियर को निकाल दिया है

By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Tue, 08 Aug 2017 02:33 PM (IST)
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इस हरकत के लिए गूगल ने कंपनी से की सॉफ्टवेयर इंजीनियर की छुट्टी

नई दिल्ली (जेएनएन)। अमेरिका की टेक्नोलॉजी कंपनी गूगल ने एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर जेम्स डेमोरे को नौकरी से निकाल दिया गया है। जेम्स डेमोरे एक इंटरनल मेमो जारी किया है जिसमें उन्होंने लिखा है, गूगल ने उन्हें नौकरी से इसलिए निकाल दिया क्योंकि उन्होंने कंपनी के अंदर चल रहे जेंडर स्टीरियोटाइप (gender stereotypes) को उजागर किया है। जानकारी के लिए बता दें कि जेंडर स्टीरियोटाइप लिंग संबंधी रूढ़िवादिता को कहा जाता है। यह मेमो कंपनी के कर्मचारियों के बीच काफी वायरल हो रहा है।

जानें क्या लिखा है मेमो में:

जेम्स डेमोरे ने जो मेमो जारी किया है उस दस्तावेज की हेडिंग गूगल आईडियोलॉजिकल इको चैंबर (google ideological eco chamber) है। इसमें लिखा गया है कि गूगल में महिलाएं उच्च पदों पर सिर्फ इसलिए नहीं है क्योंकि वहां उनके साथ भेदभाव किया जाता है। गूगल में महिलाओं को पुरुषों की तुलना में कम आंका जाता है। यह मेमो करीब 10 पन्नों का है। इस मेमो में गूगल पर कई आरोप लगाए गए हैं जिसमें महिलाओं के साथ भेदभाव मुख्य है।

सुंदर पिचाई ने मामले को बाताया विवादास्पद:

गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने मामले को लेकर कहा कि कंपनी के खिलाफ ऐसा लिखना कोड ऑफ कंडक्ट के खिलाफ है। साथ ही कंपनी में जेंडर स्टीरियोटाइप को लेकर चर्चा कर नियमों का उल्लंघन किया है।

पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को मिलता है कम वेतन:

टेक इंडस्ट्री में महिलाओं को पुरुषों से कम आंकने को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा है। ऐसे दावे किए गए हैं कि उबर टेक्नोलॉजी समेत कई वेंचर कैपिटल फर्म्स में महिलाओं का शोषण किया जाता है। गूगल समेत सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों के मैनेजमेंट ने अपने काम करने की जगह में विविधीकरण किया है। हालांकि, इन कंपनियों में इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट पदों पर महिलाओं की संख्या अभी भी कम है। यह मामला फिलहाल अमेरिकी लेबर डिपार्टमेंट के अंतर्गत है। डिपार्टमेंट इस बात की जांच कर रहा है कि क्या कंपनी महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले कम वेतन देती है या नहीं। हालांकि कंपनी ने इस आरोप को सिर से खारिज किया है।

गूगल को कर सकतs हैं बायकॉट:

डेमोरे ने मेमो में लिखा है कि जैविक कारणों से पुरुषों और महिलाओं की क्षमताएं अलग अलग होती हैं, और ये अंतर यह बताने के लिए पर्याप्त हैं कि हम तकनीक और नेतृत्व के शीर्ष पदों पर पुरुषों के समान महिलाओं का प्रतिनिधित्व क्यों नहीं देखते। इस मेमो के बाद डेमोरे को मीडिया आउटलेट्स से सपोर्ट मिला है। यह बात रातोंरात इतनी ज्यादा बढ़ गई कि अब गूगल को बायकॉट कर सर्विसेस को माइक्रोसॉफ्ट को देने की बात चल रही है। वहीं, गूगल के उपाध्यक्ष (विविधता) डैनियल ब्राउन ने इस मामले पर कहा कि डेमोरे की मामले को लेकर गलत सोच है।

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