गूगल ने ट्रांसलेशन के लिए पेश किया नया बेहतरीन फीचर, अब भारतीय आसानी से कर पाएंगे इन भाषाओं में ट्रांसलेट
इंटरनेट की तरफ देसी भाषा का रुझान बढ़ते देख गूगल ने इंटरनेट पर भारतीय भाषाओं के लिए नए फीचर्स जोड़ें हैं
नई दिल्ली (जेएनएन)। भारत में हर तरह के यूजर्स इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। अलग-अलग भाषा बोलने वाले लोग इंटरनेट पर सर्फिंग करते नजर आते हैं। इंटरनेट पर अंग्रेजी भाषा वाले लोगों को देसी भाषा वाले लोगों ने पीछे छोड़ दिया है। इंटरनेट की तरफ देसी भाषा का रुझान बढ़ते देख गूगल ने इंटरनेट पर भारतीय भाषाओं के लिए नए फीचर्स जोड़ें हैं। इसके तहत गूगल ट्रांसलेशन को और भी बेहतर बनाया जाएगा, जिससे किसी भी भाषा का अनुवाद सटीक किया जा सके।
न्यूरल मशीन ट्रांसलेशन:
गूगल ट्रांसलेशन का ज्यादा बेहतर वर्जन न्यूरल मशीन ट्रांसलेशन अंग्रेजी और नौ भाषाओं के बीच अनुवाद के लिए लॉन्च किया गया है। यह वर्जन अंग्रेजी से हिंदी, बांग्ला, मराठी, तेलुगू, गुजराती, पंजाबी, मलयालम और कन्नड़ के बीच ट्रांसलेशन करेगा, जो पहले से ज्यादा बेहतर होंगे। आपको बता दें कि इसे क्रोम ब्राउजर में भी इंटीग्रेड किया गया है। इसके जरिए वेब पेज को पूरा ट्रांसलेट किया जा सकेगा।
9 मुख्य भाषाओं के साथ-साथ गूगल ने अन्य 22 अधिसूचित भाषाओं के लिए भी जीबोर्ड का विकल्प पेश किया है। गूगल की इस नई टेक्नोलॉजी में यूजर मात्र ट्रांसलेट ही नहीं बल्कि एडिटिंग भी कर पाएंगे। इसी क्रम में गूगल ने केपीएमजी के साथ एक अध्ययन किया। इस अध्ययन के अनुसार चैट एप्लिकेशन, डिजिटल एंटरटेनमेंट, सोशल मीडिया और डिजिटल न्यूज भारतीय भाषाओं में इंटरनेट इस्तेमाल की सबसे पसंद की जाने वाली कैटेगरीज में है।
क्या कहते हैं आंकड़ें?
2016 के आंकड़ों के आधार पर 23.4 करोड़ इंटरनेट यूजर्स भारतीय भाषाओं के थे। वहीं, केवल 17.5 करोड़ यूजर्स अंग्रेजी भाषाई थे। कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो देसी भाषा इस्तेमाल करने वालों का आंकड़ा साल 2021 तक 53.6 करोड़ और अंग्रेजी यूजर्स का 19.9 करोड़ तक होने की उम्मीद है।
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