भारत में एप्पल के विस्तार के लिए सरकार करेगी मदद, मिलेगी टैक्स छूट
ये रियायतें समय के साथ लोकल वैल्यू एडिशन में वृद्धि की शर्त के अधीन होंगी
नई दिल्ली (रायटर)। भारत ने अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनी एप्पल इंक को स्थानीय मैन्यूफैक्चरिंग में इस्तेमाल के इरादे से मोबाइल हैंडसेट के पुर्जों को बिना टैक्स आयात करने की पेशकश की है। इलेक्ट्रॉनिक्स व आइटी मंत्रलय में सचिव अरुणा सुंदरराजन ने यह बात कही। ये रियायतें समय के साथ लोकल वैल्यू एडिशन में वृद्धि की शर्त के अधीन होंगी।
एप्पल ने पिछले हफ्ते बेंगलुरु में अपने ताइवानी कांट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरर विस्ट्रॉन के संयंत्र में आइफोन एसई बनाना शुरू कर दिया है। कंपनी नए बाजारों की तलाश में है क्योंकि चीन में उसकी बिक्री कमजोर पड़ रही है। मार्च तिमाही में उसने पांच करोड़ आइफोन बेचे जो सालाना आधार पर एक फीसद कम है। एप्पल भारत सरकार से तमाम तरह की टैक्स छूट की मांग करती रही है। शुरू में इन्हीं में से एक मांग यह भी थी कि उसे ऐसे सभी कंपोनेंट के लिए 15 साल की कर रियायत मिले जिनका भारत में मैन्यूफैक्चरिंग संयंत्र लगाने के लिए आयात किया जाएगा। सुंदरराजन ने बताया कि मंत्रलयों के एक पैनल ने इस मांग को खारिज कर दिया और मैन्यूफैक्चरिंग में स्थानीय उत्पादन की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए चरणबद्ध कार्यक्रम की पेशकश की है।
सुंदरराजन के अनुसार, एप्पल को उन कंपोनेंट पर टैक्स छूट की पेशकश की गई है जिन्हें भारत में नहीं बनाया जा सकता है। साथ ही इसमें लोकल मैन्यूफैक्चरिंग कंपोनेंट को धीरे-धीरे बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि एप्पल समय के साथ उत्पादन में स्थानीय हिस्सेदारी बढ़ाने पर सहमत है, लेकिन दोनों पक्षों की योजनाओं में अंतर है। इस बाबत फिलहाल एप्पल की प्रतिक्रिया नहीं ली जा सकी।
भारत चाहता है कि मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना के हिस्से के तौर पर स्थानीय क्षमता निर्माण के साथ एप्पल 3,5,7 और 10 साल के चरणों में वैल्यू एडिशन शेयर में बढ़ोतरी करे। उद्योग का अनुमान है कि चरणबद्ध मैन्यूफैक्चरिंग प्रोग्राम अगले तीन वर्षो में मोबाइल फोन मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में लोकल वैल्यू एडिशन को 40-50 फीसद तक बढ़ा सकता है।
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