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प्रोजेक्‍ट लून के लिए अपना पार्टनर चुने गूगल

इंटरनेट ट्रांसमिशन के लिए प्रोजेक्‍ट लून की देश में टेस्‍टिंग के लिए सरकार ने गूगल को पार्टनर के तौर पर टेलीकॉम ऑपरेटर चुनने को कहा है।

By Monika minalEdited By: Updated: Tue, 01 Mar 2016 10:31 AM (IST)
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सरकार ने देश में इंटरनेट टेक्नोलॉजी आधारित बैलून, ‘लून प्रोजेक्ट’ की टेस्टिंग के लिए गूगल को पार्टनर के तौर पर टेलीकॉम ऑपरेटर चुनने को कहा है।

आधिकारिक सूत्र के अनुसार, गूगल अपने लून प्रोजेक्ट को महंगे स्पेक्ट्रम बैंड में टेस्ट करना चाहता है। इसे किसी भी टेलीकॉम ऑपरेटर को पार्टनर बनाने को कहा गया है जो इसकी जरूरतों से मेल खाता है और लून परीक्षण के लिये सरकार से संपर्क करने को कहा गया है। अधिकारियों ने कहा कि यदि गूगल BSNL के साथ टेस्ट करना चाहता है तो टेस्टिंग के लिए राज्य की कंपनियों के स्पेक्ट्रम के साथ प्रयोग कर सकते हैं।

ये हैं गूगल अल्फाबेट के प्रोजेक्ट्स...

इससे गूगल द्वारा मांग की जा रही स्पेक्ट्रम बैंक के साथ कुछ हद तक सुरक्षा का मुद्दा भी सुलझ जाएगा। इस बारे में गूगल को ई-मेल भेजकर सवाल पूछे गये, लेकिन उसका कोई जवाब नहीं आया। गूगल ने लून परियोजना स्थापित करने के लिए सरकार से संपर्क साधा है। इस परियोजना में मोबाइल टावर की जगह लेने की क्षमता है क्योंकि यह 4G मोबाइल फोन पर सीधे सिग्नल प्रेषित कर सकता है।

दूरसंचार मंत्रालय ने IT सेक्रेटरी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है और BSNL से परीक्षण के लिये जरूरी समर्थन उपलब्ध कराने को कहा है। इस संदर्भ में अक्तूबर-नवंबर में बैठक हुई थी। गूगल ने परीक्षण के लिये BSNL के पास उपलब्ध 2500 Mhz के बजाए 700 या 800 Mhz बैंड की मांग की थी, जिससे परियोजना अटक गई। दूरसंचार सेवा के लिये 700 Mhz बैंक सबसे मंहगा है और कुशल स्पेक्ट्रम है और इसे अभी किसी सेवा प्रदाता को दिया जाना बाकी है।

5G इंटरनेट ड्रोंस की टेस्टिंग कर रहा गूगल

अपने इस प्रोजेक्ट के तहत गूगल, इंटरनेट सर्विस के ट्रांसमिशन के लिए जमीन से 20 किमी की ऊंचाई पर उड़ने वाले बड़े बैलूंस का उपयोग कर रहा है। इसने इस टेक्नोलॉजी का परीक्षण न्यूजीलैंड, कैलिफोर्निया व ब्राजील में पहले ही कर लिया है।

बैलूंस में पूरे दिन सोलर पैनल व पावर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग होता है।