हैकर्स आपका दिमाग पढ़कर भी हैक कर सकते हैं पासवर्ड और पिन, जानें कैसे
इस पोस्ट में हम आपको उस वजह के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे हैकर्स आपके दिमाग तक भी पहुंच सकते हैं
नई दिल्ली (जेएनएन)। हर कोई अपने अकाउंट्स को सुरक्षित रखने के लिए पासवर्ड लगाता है। चाहें वो फिर कंप्यूटर हो या स्मार्टफोन, पासवर्ड से इनमें मौजूद किसी भी निजी फाइल को सिक्योर रखा जा सकता है। ये सभी पासवर्ड या तो आपके दिमाग सेव रहते हैं। लेकिन जरा सोचिए अगर हैकर्स आपके दिमाग से ही पासवर्ड चुरा लें तो आप क्या करेंगे। सुनने में अजीब जरुर लगेगा लेकिन हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक खास तरह का हेडसेट इस्तेमाल करने पर हैकर्स आपके दिमाग से ही पिन और पासवर्ड्स पढ़ पाएंगे।
क्या है रिपोर्ट में?बर्मिंगम की यूनिवर्सिटी ऑफ ऐलबामा के रिसर्चर्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इलेक्ट्रोएक्नेफैलोग्राफ (EEG) एक ऐसा हैडसेट है जिसे अगर कोई यूजर इस्तेमाल करता है तो हैकर्स उसके दिमाग से सारे पासवर्ड और पिन हैक कर सकते हैं। इस हैडसेट को पहनकर यूजर्स अपने दिमाग से रोबॉटिक खिलौने और वीडियो गेम्स को कंट्रोल कर सकते हैं। ऐसे में वैज्ञानिकों का मानना है कि इसका और भी ज्यादा सुरक्षित होना जरुरी है।
कैसे हैक हो सकती है जानकारी?
अगर कोई व्यक्ति EEG हेडसेट पहकर वीडियो गेम खेल रहा है और उसी बीच वो अपनी बैंकिंग वेबसाइट पर जाता है और उसे लॉगइन कर लेता है। तो हैकर्स उसी समय पासवर्ड या पिन जैसी निजी जानकारी को हैक कर सकते हैं। इस तरीके से ऐसी जानकारियों को हैक करने के लिए हैकर्स ऐल्गोरिथम पैटर्न का इस्तेमाल करते हैं। इस पैटर्न के जरिए हैकर्स 10000 पैटर्न को 20 तक सीमित कर लेते हैं। इससे पासवर्ड या पिन हैक करना आसान हो जाता है।
यूनिवर्सिटी ऑफ ऐलबामा के प्रफेसर नितेश सक्सेना न बताया, “यह टेक्नॉलजी लोगों के जीवन में अच्छे अवसर ला रही है लेकिन इसके साथ ही सुरक्षा पर खतरा बढ़ता जा रहा है”। इसे साबित करने के लिए वैज्ञानिकों ने यूजर्स पर ऐसे 12 हैडसेट को टेस्ट किया है। इस दौरान यह देखा गया कि यह हैडसेट किस तरह पासवर्ड टाइप करते समय लोगों के हाथ, आंख, सिर की गति और उनके विजुअल प्रोसेसिंग को कैप्चर करता है।
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