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आसानी से हो जाती है बगैर चिप वाले एटीएम कार्ड की क्लोनिंग, जानिए

पुराने एटीएम कार्ड की मैग्नेटिक स्ट्रिप में खातेदार की सारी जानकारी होती है। कार्ड स्वैप करने पर मशीन सारी जानकारी जुटा लेती है

By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Mon, 06 Nov 2017 05:00 PM (IST)
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आसानी से हो जाती है बगैर चिप वाले एटीएम कार्ड की क्लोनिंग, जानिए

नई दिल्ली (नई दुनिया)। इन दिनों एटीएम कार्ड धोखाधड़ी की संख्या बढ़ गई है। कारण है ब्लैक स्ट्रिप (मैग्नेटिक पट्टी) वाले पुराने एटीएम कार्ड की क्लोनिंग आसानी से होना। जानकारों की मानें तो हर 100 में से एक व्यक्ति के कार्ड की नकल बनाई जा रही है। बैंकों ने भी यह मान लिया है कि सिर्फ ब्लैक स्ट्रिप वाले एटीएम कार्ड सुरक्षित नहीं हैं। इसलिए बैंक प्रबंधन उपभोक्ताओं को अब चिप वाले कार्ड जारी कर रहे हैं।

पुराने एटीएम कार्ड की मैग्नेटिक स्ट्रिप में खातेदार की सारी जानकारी होती है। कार्ड स्वैप करने पर मशीन सारी जानकारी जुटा लेती है। अपराधी एटीएम और स्वैप मशीन के आसपास अतिरिक्त डिजिटल डिवाइस लगाते हैं जिसे फिक्स करने की जरूरत नहीं होती है।

स्वैप होने के बाद मशीन में बटन के पास माइक्रो कैमरे लगाते हैं, जिससे पिन पता चल जाता है। ट्रांजेक्शन पूरा होते ही अपराधी डिजिटल डिवाइस को कम्प्यूटर सिस्टम से जोड़ते हैं और एटीएम कार्ड का सीक्रेट नंबर हासिल कर क्लोन कार्ड पर चढ़ा देते हैं। वहीं कैमरे से पिन ले लेते हैं।

कार्ड को ऐसे रखें सुरक्षित:

  • मैग्नेटिक या ब्लैक स्ट्रिप वाले एटीएम कार्ड का इस्तेमाल करते समय मशीन में कार्ड स्लॉट ध्यान से देखें। उसे थोड़ा सा हिलाएं, जिससे अगर वहां कोई अतिरिक्त डिवाइस लगा होगा तो तुरंत गिर जाएगा।
  • पिन डालने के दौरान बटन वाली जगह को दूसरे हाथ से ढंक लें, ताकि वहां लगे माइक्रो कैमरे पिन देख न सकें।

इसलिए सुरक्षित हैं चिप वाले कार्ड:

चिप वाले कार्ड पुराने कार्ड से सुरक्षित माने जाते हैं, क्योंकि जरूरी जानकारी चिप में होती है। इसे रीड करने के लिए विशेष सॉफ्टवेयर की जरूरत पड़ती है, जो केवल बैंकों के पास हैं जबकि मैग्नेटिक स्ट्रिप वाले कार्ड के रीडर बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं।

रुपे कार्ड भी दे रहे उपभोक्ताओं को:

बैंक कई तरह के एटीएम कार्ड उपभोक्ताओं को दे रहे हैं। इनमें मास्टर कार्ड व वीजा कार्ड प्रमुख हैं। कुछ बैंक छोटे खातेदारों को रुपे कार्ड भी जारी कर रहे हैं। इसके पीछे वजह है कि यह भारत में तैयार कार्ड है, जो मुफ्त दिया जा रहा है। ये कार्ड खासकर जन-धन योजना वालों को दिए जा रहे हैं। दूसरी तरफ निजी बैंक सिर्फ चिप वाले एटीएम जारी कर रहे है। हालांकि ज्यादातर बैंक चिप वाले कार्ड ही दे रहे हैं।

आरबीआई का आदेश:

आरबीआई ने 2012-13 में एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा था कि विदेश में सिर्फ चिप वाले कार्ड इस्तेमाल होंगे। सिंपल ब्लैक स्ट्रिप कार्ड वहां मान्य नहीं हैं। इसके चलते विदेश जाने वालों को नए कार्ड जारी किए गए।

अब मिलेंगे चिप बेस्ड कार्ड:

पुराने कार्ड के क्लोन की वजह से ज्यादातर बैंकों ने व्यवस्था में बदलाव कर दिया है। अब सिर्फ चिप वाले कार्ड जारी किए जा रहे हैं। यही वजह है कि बैंकों ने एक्सपायर होने से पहले उपभोक्ताओं को कार्ड के लिए आवेदन देने को कहा है। ताकि जल्द से जल्द नए कार्ड दिए जा सकें। -मुकेश भट्ट, लीड बैंक मैनेजर

आसानी से मिलती है मशीन:

क्लोन के लिए अपराधी जिन डिजिटल मशीन का इस्तेमाल करते हैं, वह आसानी से मिल जाती है। इसके लिए पुलिस काफी सतर्कता बरते हुए है। वहीं ऐसे अपराधों से बचने के लिए लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। ग्राहक अपने कार्ड को बैंक से चिप वाले कार्ड में बदलवा सकते हैं। -वरुण कपूर, एडीजी व साइबर क्राइम विशेषज्ञ 

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