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भारत बन सकता है दुनिया में स्मार्टफोन का मेन्युफैक्चरिंग हब, अमेरिका को पछाड़ बना फोन यूजर्स का दूसरा सबसे बड़ा बाजार

भारत स्मार्टफोन की दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ता बाजार है। ऐसा मानना है की अगर इसी गति से भारत आगे बढ़ता रहा तो आने वाले समय में यह स्मार्टफोन का मेन्युफैक्चरिंग हब भी बन सकता है

By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Tue, 22 Nov 2016 10:30 AM (IST)
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नई दिल्ली| भारत स्मार्टफोन की दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ता बाजार है। ऐसा मानना है की अगर इसी गति से भारत आगे बढ़ता रहा तो आने वाले समय में यह स्मार्टफोन का मेन्युफैक्चरिंग हब भी बन सकता है। हालांकि, देश में बिकने वाले स्मार्टफोन में से भारत में बने या असेंबल फोन की हिस्सेदारी महज 6 फीसदी है। लेकिन अगले पांच साल में यह बढ़कर 32 फीसदी तक पहुंच सकती है।

क्या है अध्ययन का दावा?

काउंटर प्वॉइंट रिसर्च और आईआईएम-बेंगलुरू के एक संयुक्त अध्ययन में यह दावा किया गया है की अगले पांच साल में भारत की स्मार्टफोन निर्माण में हिस्सेदारी बढ़ सकती है| रिपोर्ट के मुताबिक, मोबाइल फोन यूजर्स के लिहाज से भारत इस साल अमेरिका को पछाड़कर दुनिया में स्मार्टफोन का दूसरा बड़ा बाजार बन गया है। अगले पांच साल में भारत में स्मार्टफोन की बिक्री 100 करोड़ को पार कर सकती है।

अन्य देशों के आंकड़ें कहते है क्या?

रिपोर्ट की मानें तो चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में स्मार्टफोन में घरेलू कंपोनेंट क्रमश: 70 और 50 फीसदी तक इस्तेमाल होते है। जबकि भारत में इसका प्रतिशत महज 6 फीसदी के बराबर है। लेकिन अमेरिका, चीन और अन्य बाजारों में ग्रोथ सुस्त पड़ी है। इसके बाद एप्पल, सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स और शाओमी जैसी कंपनियों ने भारत में अपने प्लांट लगाने में रुचि दिखाई है। एप्पल के सीईओ टिम कुक इस साल मई में पहली बार भारत की यात्रा पर आए थे। एप्पल भारत में अपने स्टोर खोलना चाहती है। लेकिन मौजूदा नियमों के मुताबिक, विदेशी कंपनियों को भारत में सिंगल ब्रांड रिटेल स्टोर खोलने के लिए 30% कंपोनेंट घरेलू निर्माताओं से खरीदने की अनिवार्यता है। अगर एप्पल को भारत में फोन निर्माण की अनुमति मिल जाती है तो यह अनुपात और भी बढ़ जाएगा|