GST का असर: धीमी पड़ी स्मार्टफोन इंपोर्ट की रफ्तार, पहली बार शिपमेंट में गिरावट
मार्केट रिसर्च फर्म कैनालिस के मुताबिक भारतीय स्मार्टफोन बाजार में पहली बार स्मार्टफोन के शिपमेंट में गिरावट देखी गई
नई दिल्ली (जेएनएन)। पहली बार भारतीय बाजार में स्मार्टफोन के शिपमेंट में गिरावट देखी गई है। यह जानकारी मार्केट रिसर्च फर्म कैनालिस ने दी है। साल 2017 की दूसरी तिमाही में शिपमेंट 27 मिलियन यूनिट्स से साथ 4 फीसद गिरी है। मार्केट रिसर्च फर्म के मुताबिक गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) लागू होने के बाद घरेलू बाजार में स्मार्टफोन की बिक्री पर प्रभाव देखने को मिला है।
सैमसंग रहा पहले स्थान पर:
सैमसंग, शाओमी और वीवो बिक्री के मामले में शीर्ष स्थान पर बने हुए हैं। साउथ कोरियन दिग्गज बाजार में 25 फीसद हिस्सेदारी बनाई हुई है। सैमसंग गैलेक्सी के जे सीरीज को भारतीय बाजार में काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है और यह काफी हद तक कंपनी की रणनीति बनाने के पक्ष में रहा है। भले ही भारतीय स्मार्टफोन बाजार में सैमसंग पहले स्थान पर रहे लेकिन पिछले कुछ सालों से चीनी खिलाड़ियों का खतरा बढ़ता नजर आ रहा है क्योंकि ऑनलाइन और ऑफलाइन सेगमेंट दोनों में ही इना असाधारण प्रदर्शन देखने को मिल रहा है।
दूसरे स्थान पर शाओमी:
शाओमी की शिपमेंट इस साल की दूसरी तिमाही में 4.8 मिलियन यूनिट्स रही है। जिसकी वजह से यह सैमसंग के बाद दूसरी बड़ी स्मार्टफोन कंपनी के तौर पर उभरती हुई नजर आ रही है। भारत में शाओमी की रणनीति मजबूत होती जा रही है। शाओमी की बढ़ती बिक्री को रेडमी नोट 4 और रेडमी 4A की वजह बूस्ट मिला है।
तीसरे पर वीवो और चौथे पर ओप्पो:
भारतीय स्मार्टफोन बाजार में वीवो 3.4 मिलियन यूनिट्स के साथ इस साल की दूसरी तिमाही में तीसरे स्थान पर है। इस ब्रांड को सबसे ज्यादा प्रतिक्रिया टायर-II और टायर-III शहरों में मिली है। ओप्पो चौथे स्थान पर था, इसके बावजूद भी लेनोवो ने दूसरी तिमाही में 1.9 मिलियन यूनिट्स की बिक्री की है।
भारत में इनकी है 50 फीसद हिस्सेदारी:
सबसे बड़ी बात यह है कि लेनोवो भारतीय बाजार में बड़ी संख्या में स्मार्टफोन कि शिपमेंट के लिए काफी संघर्ष कर रहा है। लेनोवो-मोटोरोला की कंपनी की दोहरी-ब्रांड रणनीति किसी भी बड़े रिजल्ट को नहीं दिखा पा रही है। शाओमी, ओपो, जियोनी और लेनोवो ने सामुहिक रूप से भारतीय स्मार्टफोन बाजार में 50 फीसद हिस्सेदारी बनाई हुई है।