ई-वॉलेट में अब नहीं की जा सकेगी धोखाधड़ी, सरकार जल्द जारी करेगी नए नियम
मोबाइल वॉलेट में ग्राहकों की सुरक्षा के लिए सरकार नए नियम जारी करने की तैयारी कर रही है
नई दिल्ली। भारत में मोबाइल वॉलेट का चलन बढ़ता जा रहा है और इसके साथ ही धोखाधड़ी के मामलों में भी बढ़ोतरी हो रही है। मोबाइल वॉलेट में ग्राहकों की सुरक्षा के लिए सरकार नए नियम जारी करने की तैयारी कर रही है। कानून और सूचना तकनीक मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि ‘ग्राहकों के हितों और सुरक्षा के लिए नियमों का ड्राफ्ट जल्द ही पब्लिक डोमेन में रखा जाएगा। इस पर आम राय बनने के बाद ही अंतिम रुप दिया जाएगा।’
नए नियमों में क्या हो सकता है खास: सूत्रों की मानें तो नए नियमों के तहत ई-वॉलेट में जमा पैसे की धोखाधड़ी होने के बाद ग्राहकों को मुआवजा दिलाने का इंतजाम किया जाएगा। वहीं, बीमा सुरक्षा की व्यवस्था करने की योजना है, जिससे नुकसान की भरपाई की जा सके। इसके अलावा साइबर सिक्योरिटी के मामले में विस्तृत दिशानिर्देश भी दिए जाएंगे। इससे यूजर्स के ई-वॉलेट पहले से ज्यादा सिक्योर हो जाएंगे। रिजर्व बैंक जहां ये तय करेगा कि एक समय में वॉलेट में कितना पैसा रखा जा सकता है और वॉलेट कौन जारी कर सकता है। वहीं साइबर कानून के तहत ग्राहकों के हित में नियम बनाने की जवाबदेही सूचना तकनीक मंत्रालय की होगी।
नोटबंदी के बाद से तेज हुआ डिजिटल लेन-देन: 8 नवंबर को नोटबंदी के बाद पेटीएम और मोबीक्विक जैसे मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल काफी तेजी से बढ़ा है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर में मोबाइल वॉलेट के जरिए 7 करोड़ 53 लाख लेन-देन किया गया, जिनकी कीमत 3192 करोड़ रुपये थी। नवंबर में लेन-देन की संख्या 13 करोड़ 80 लाख पर पहुंची, जिसकी कीमत थी 3305 करोड़ रुपये थी। वहीं, दिसंबर में लेन-देन की संख्या 21 करोड़ 31 लाख पर पहुंच गयी, जिसकी कीमत 7448 करोड़ रुपये थी।
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