नोटबंदी: साल 2022 तक 30000 करोड़ लोगों के पास होगा मोबाइल वॉलेट!
नोटबंदी के बाद से देश में मोबाइल वॉलेट का काफी इस्तेमाल किया जा रहा है
नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद से देश में मोबाइल वॉलेट का काफी इस्तेमाल किया जा रहा है। एक अध्ययन में यह अनुमान लगाया गया है कि मोबाइल वॉलेट बाजार सालाना 141 प्रतिशत की दर से बढ़कर 2021-22 तक 30,000 करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा। यह अध्ययन एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया तथा शोध कंपनी आरएनसीओएस ने किया है।
क्या है मोबाइल वॉलेट वृद्धि की वजह?शोधकर्ताओं के मुताबिक, 2015-16 से 2021-22 के दौरान मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल काफी बढ़ जाएगा, क्योंकि इस दौरान स्मार्टफोन का इस्तेमाल बढ़ेगा। मोबाइल इंटरनेट के द्वारा लोग पेमेंट करेंगे। लोगों की आय में भी बढ़ोतरी होगी जिससे लोग उसे खर्च भी करेंगे। अनुमान लगाया जा रहा है कि लोग नकद से ज्यादा ऑनलाइन पेमेंट की ओर बढ़ेंगे। आपको बता दें कि देश का मोबाइल वॉलेट बाजार 2015-16 में 154 करोड़ रुपये था।
मोबाइल वॉलेट में होगी बढ़ोतरी:
देश में मोबाइल वॉलेट लेनदेन 2015-16 से 2021-22 तक सालाना 154 फीसदी की दर से बढ़कर 20,600 करोड़ रुपये से 55 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचने की भी उम्मीद लगाई जा रही है। इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि अगले दस साल में ज्यादातर लेन-देन ऑनलाइन हो जाएगा।
मोबाइल वॉलेट क्या है?
ये एक ऐसा डेबिट कार्ड है, जहां कार्ड का वजूद नहीं है, लेकिन पैसे हैं। इसका सीधा मतलब ये एक वर्चुअल अकाउंट है। जिससे आप जब चाहें शॉपिंग कर पेमेंट कर सकते हैं। रोजमर्रा की छोटी-छोटी जरुरतों के लिए भी मोबाइल वॉलेट के जरिए पेमेंट की जा सकती है।