साउथ कोरिया ने जताई आशंका, रैनसमवेयर अटैक के पीछे हो सकता है नार्थ कोरिया का हाथ
इस ग्लोबल हैकिंग का शक उत्तर कोरिया की ओर इशारा कर रहा है
नई दिल्ली (जेएनएन)। साउथ कोरिया के साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट ने मंगलवार को बताया कि हमारे पास काफी सारे परिस्थितिजन्य साक्ष्य हैं जो यह बताते हैं कि हाल ही में 100 से अधिक देशों के कंप्यूटर्स पर हुए “रेनसमवेयर” अटैक के पीछे नार्थ कोरिया का हाथ हो सकता है। उनका कहना है कि जिस तरीके से हैकर्स ने दुनियाभर के कम्प्यूटर्स और उनके सर्वर को अपना निशाना बनाया वह पिछले साइबर हमले के समान था, जिसके लिए उत्तर कोरिया को जिम्मेदार ठहराया गया था।
एंटी वायरस सॉफ्टवेयर कंपनी हाउरी इंक के निदेशक सिमॉन चाओ, जिन्होंने साल 2008 के दौरान नार्थ कोरिया के मालवेयर का अध्ययन किया था और उस संबंध में सरकार को सलाह दी थी, ने बताया कि बिटकॉन की दुनिया में नॉर्थ नया नहीं है और वह साल 2013 की शुरुआत से ही दुर्भावनापूर्ण कंप्यूटर प्रोग्राम का उपयोग कर डिजिटल करेंसी की उगाही कर रहा है।
हाल में ही हुए साइबर हमले में हैकर्स ने पीड़ितों से बिटक्वाइन की मांग की थी ताकि उनके एनक्रिप्टेड कंप्यूटर के डेटा को फिर से ऑन किया जा सके। पिछले साल चाओ नार्थ कोरिया के एक इन्टरनेट एड्रेस के जरिये एक हैकर से रेनसमवेयर के डेवलपमेंट के बारे में बात की थी और इस बारे में उन्होंने साउथ कोरिया के अधिकारियों को इसको लेकर चौकन्ना भी किया था।
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