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यूजर्स को कॉल ड्रॉप की समस्या से मिलेगा निजात, इस हफ्ते जारी होंगे नए नियम

ट्राई चेयरमैन आर. एस. शर्मा ने इंटरव्यू में कहा है कि हम मोबाइल सेवाओं की क्वालिटी के संशोधित मानक लगभग तैयार कर चुके हैं

By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Tue, 18 Jul 2017 05:40 PM (IST)
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यूजर्स को कॉल ड्रॉप की समस्या से मिलेगा निजात, इस हफ्ते जारी होंगे नए नियम

नई दिल्ली (जेएनएन)। टेलिकॉम सेक्टर के नियामक ने कहा है कि कॉल ड्रॉप समेत मोबाइल सर्विस क्वालिटी के लिए नये मानक एक सप्ताह में जारी किये जाएंगे। ट्राई ने अगस्त में अगले दौर की स्पेक्ट्रम नीलामी पर जनता से परिचर्चा शुरू करने की योजना बनाई है। इस परिचर्चा में 5जी सेवाओं और प्रीमियम 700 मेगाहट्र्ज बैंड स्पेक्ट्रम पर फोकस होगा।

ट्राई चेयरमैन आर. एस. शर्मा ने इंटरव्यू में कहा है कि हम मोबाइल सेवाओं की क्वालिटी के संशोधित मानक लगभग तैयार कर चुके हैं। इन्हें लगभग एक सप्ताह में जारी कर दिया जाएगा। ट्राई रेडियो-लिंक टाइम-आउट टेक्नोलॉजी (आरएलटी) के लिए कड़े मानक भी ला सकता है। आरोप लगते हैं कि मोबाइल कंपनियां कॉल ड्रॉप में कमी दर्शाने के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल कर रही हैं। इस तकनीक की मदद से खराब नेटवर्क के चलते ठीक से बात नहीं हो पाने के बावजूद कॉल कनेक्ट रहती है और इससे उपभोक्ता को उसका चार्ज देना पड़ता है।

ट्राई अगले दौर की स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए कंसल्टेशन पेपर जारी कर सकता है। शर्मा के अनुसार ड्राफ्ट पेपर तैयार है। अगले एक पखवाड़े में हम इसे अंतिम रूप दे सकते हैं। अगस्त के अंत तक इसे जारी कर दिया जाएगा। टेलिकॉम ऑपरेटरों ने सरकार से अगले दौर की नीलामी अभी टालने का अनुरोध किया है। उसका कहना है कि अभी वे वित्तीय संकट के दौर से गुजर रही हैं। ऐसे वे अगले दो साल तक और स्पेक्ट्रम खरीदने की स्थिति में नहीं होंगीं।

शर्मा ने कहा कि कंसल्टेशन पेपर में हम नीलामी किये जाने और रिजर्व प्राइस जैसे मसलों पर चर्चा की जाएगी। इसके बारे में संबंधित पक्षों से सुझाव लिये जाएंगे। इसके बाद ट्राई कोई फैसला करेगी। पिछले अक्टूबर 2016 में हुई नीलामी में सरकार सिर्फ 964.8- मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी कर सकी जबकि उसने बिक्री के लिए 2354.55 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम पेश किया था। पांच दिन की नीलामी के बाद भी प्रीमियम 700 मेगाहट्र्ज समेत कई बैंडों में 60 फीसद स्पेक्ट्रम बिकने से रह गया। 700 मेगाहट्र्ज बैंड के स्पेक्ट्रम के लिए रिजर्व प्राइस 11000 करोड़ रुपये प्रति मेगाहट्र्ज रखा गया था। कुल स्पेक्ट्रम का मूल्य चार लाख करोड़ रुपये से ज्यादा था।

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