रिलायंस जियो ने दूसरे बड़े टेलिकॉम ऑपरेटर्स पर लगाया कार्टेल बनाने का आरोप
एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया को दूरसंचार क्षेत्र की खराब वित्तीय स्थिति के लिए जियो ने जिम्मेदार ठहराया है
नई दिल्ली (जेएनएन)। मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो ने दूरसंचार उद्योग में मुनाफे की स्थिति को ठीक बताते हुए अन्य मोबाइल ऑपरेटरों पर कार्टल बनाकर काम करने का आरोप लगाया है। दूरसंचार उद्योग की हालत की समीक्षा के लिए सरकार की ओर से गठित अंतर मंत्रलयी समिति के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए जियो ने कहा कि उद्योग में केवल छोटे सेलुलर ऑपरेटर ही वित्तीय दबाव में हैं। उनकी इस हालत के लिए भारती एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया जैसे बड़े ऑपरेटरों का व्यवहार जिम्मेदार है। रिलायंस जियो के अनुसार, ‘ये तीनो कंपनियां साठगांठ करके (कार्टेल बनाकर) काम कर रही हैं। तीनों ही छोटे ऑपरेटरों की समस्याओं को अपना बनाकर सरकार से राहत पाना चाहती हैं।’
जियो ने इस मामले में उद्योग के संगठन सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन (सीओएआइ) की भूमिका पर भी सवाल उठाया है। उद्योग की मौजूदा वित्तीय हालत के लिए सीओएआइ को जिम्मेदार ठहराते हुए मुकेश की कंपनी ने उस पर साल-दर- साल प्रतिस्पर्धारोधी तौरतरीके अपनाने का आरोप लगाया है। सीओआइ और तीनों मोबाइल ऑपरेटर जियो के सात महीने चले मुफ्त कॉल और डेटा ऑफर को दूरसंचार की खराब वित्तीय स्थिति के लिए जिम्मेदार बता रहे हैं।
जियो का कहना है कि मौजूदा टेलिकॉम ऑपरेटर टेक्नोलॉजी में निवेश नहीं कर रहे हैं। इसके बजाय वे नए ऑपरेटरों पर दोषारोपण करने में जुटे हैं। पहले से जमे जिन मोबाइल ऑपरेटरों ने नई कंपनियों का प्रवेश रोकने की भरसक कोशिश की, वे अब दूसरों पर दोषारोपण करके सरकार से राहत की मांग कर रहे हैं। इन तीनों ने दूरसंचार क्षेत्र को कई वर्षो तक लगातार दुहा है।
मजे की यह है कि जहां दूसरी टेलिकॉम कंपनियों ने स्पेक्ट्रम की कीमत अदा करने के लिए सरकार से 20 वर्ष का समय मांगा हैं। वहीं स्वयं जियो ने भी विलंब से भुगतान की स्थिति में रियायत की मांग की है।
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