शर्तों के साथ कम हो सकता है रिलायंस जियो का लॉक इन पीरियड
रिलायंस जियो फीचर फोन पर 1,500 रुपये का डिपॉजिट और 3 साल का लॉक इन पीरियड यूजर्स को 2जी से 4जी में स्विच करने के लिए एक बड़ा सवाल बन गया है
नई दिल्ली। रिलायंस जियो ने अपने सबसे सस्ते फीचर फोन को 21 जुलाई को पेश किया था। जब मुकेश अंबानी ने अपनी एजीएम मीटिंग में कहा की जियोफोन मुफ्त में उपलब्ध होगा, तभी से अंदेशा लगाया गया की अब बड़ी तादात में 2G यूजर्स 4G में शिफ्ट होने वाले हैं। लेकिन थोड़ी ही देर में यह घोषणा भी की गई की जियोफोन 1500 रुपये की रिफंडेबल राशि के साथ उपलब्ध कराया जाएगा। फोन के लांच से पहले चल रही अफवाहों में कहा जा रहा था की जियो 500 रुपये तक का सस्ता फोन लेकर आ सकता है। ऐसे में जिन यूजर्स ने इसके 500 रुपये तक की होने की उम्मीद लगायी थी, उन्हें तीन साल की यह रिफंडेबल राशि भी ज्यादा लग रही थी। इसी के साथ फोन के पेश होने के बाद से ही इस तीन साल के लॉक इन पीरियड को लेकर भी कई सवाल उठाये जा रहे थे।
तीन साल से पहले वापस ले पाएंगे डिपॉजिट राशि:
ऐसी उम्मीद लगायी जा रही है की रिलायंस जियो इंफोकॉम 4G फीचर फोन लेने वाले उपभोक्ताओं को एक विकल्प प्रदान करने वाला है। इस विकल्प के अंतर्गत उपभोक्ता तीन साल से पहले हैंडसेट को वापस ले पाएंगे और सिक्योरिटी डिपॉजिट का एक भाग भी वापस ले सकेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार- मुकेश अंबानी आने वाले कुछ दिनों में रिफंड स्कीम को लेकर नई घोषणा कर सकते हैं। जियो का फीचर फोन 15 अगस्त से बीटा टेस्टिंग के लिए उपलब्ध हो गया है। इस फोन की प्री-बुकिंग 24 अगस्त से शुरू होगी। डिपॉजिट राशि की स्कीम को लेकर अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। ऐसा माना जा रहा है की कुछ विशेषज्ञों के यह प्रश्न उठाने पर की 1500 रुपये के डिपॉजिट और 153 रुपये प्रति महीना के पैक के साथ क्या ये फोन लोगों को आकर्षित कर पाएगा। इसी के बाद रिफंड विकल्प से संबंधित स्कीम के बारे में सोचा जा रहा है।
जियो का लक्ष्य 500 मिलियन भारतीय:
अपनी 4G डिवाइज के जरिये जियो 500 मिलियन भारतीयों को टारगेट करने का लक्ष्य रखता है। यह वे यूजर्स हैं जो 2G/3G फीचर फोन्स का इस्तेमाल करते हैं। ये यूजर्स प्राथमिक तौर से फोन का इस्तेमाल वॉयस सर्विसेज के लिए करते हैं। इन यूजर्स ने स्मार्टफोन में स्विच इसलिए नहीं किया क्योंकि फोन किफायती दाम में उपलब्ध नहीं थे या उन्हें इसकी जरुरत ही महसूस नहीं हुई। अब तक कंपनी के 125 मिलियन सब्सक्राइबर्स हो चुके हैं।
इंडस्ट्री स्टैण्डर्ड से महंगा जियो का प्लान:
ग्लोबल इन्वेस्टमेंट बैंकिंग और सिक्योरिटी फर्म- गोल्डमैन सैक्स (Goldmen Sachs)की एक रिपोर्ट के में कहा गया की जो सब्सक्राइबर फीचर फोन के लिए 1500 रुपये जमा कर रहा है और जो 164 रुपये महीने खर्च कर के रिलयंस जियो की सेवाएं ले रहा है, यह दोनों ही दो अलग-अलग, लेकिन साथ चलने वाले उपभोक्ता हैं। इसको ऐसे भी समझा जा सकता है की 1500 रुपये का मोबाइल खरीदने वाले उपभोक्ता के लिए 164 रुपये का न्यूनतम रिचार्ज करना अनिवार्य होगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में फीचर फोन के लिए औसत आय प्रति यूजर 100 रुपये से कम है, जो कि रिलायंस जियो के न्यूनतम प्लान से काफी कम है।
जियो को करने होंगे फ्री ऑफर पेश:
ब्रोकरेज जेएम फाइनेंशियल के अनुसार भारतीय मोबाइल फोन यूजर्स किसी एक सर्विस प्रोवाइडर के साथ बांध के रहने में सहज महसूस नहीं करते। इसी कारण से रिलायंस जियो को शुरू के तीन से छह महीनों तक फ्री ऑफर्स देने होंगे, जिससे 2G फीचर फोन यूजर्स नया हैंडसेट खरीदने कि ओर आकर्षित हो सकें।
हैंडसेट अपग्रेड का मिल सकता है विकल्प:
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच के अनुसार फोन पर मिलने वाला 1500 रुपये का रिफंड तब कम हो जाएगा, जब उसे समय पूरा होने से पहले लौटा दिया जाएगा। फर्म के अनुसार- जियो हैंडसेट अपग्रेड को लेकर कुछ विकल्प ला सकता है।
ब्रोकरेज कोटक का कहना है कि जियो को अपनी रिफंड पॉलिसी में इस तरह के प्रश्नों के उत्तर देने चाहिए कि -
- तब क्या होगा अगर फोन तीन साल के दौरान टूट जाए?
- क्या रिफंड पाने के लिए कुछ न्यूनतम रिचार्ज अनिवार्य है?
- क्या तीन साल के अंत में हैंडसेट चालू स्थिति में होना जरुरी है?
- चालू स्थिति कि परिभाषा क्या है?
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