फ्रीचार्ज की बिक्री रोकने के लिए PMO के पास जाएंगे स्नैपडील के कर्मचारी
कर्मचारियों ने कुणाल बहल की स्नैपडील 2.0 योजना को गुमराह करने वाला बताया है। ऐसे में कंपनी के कर्मचारियों ने पीएमओ से मदद मांगी है
नई दिल्ली (जेएनएन)। ऑनलाइन मार्केटप्लेस स्नैपडील के कर्मचारी अपनी समस्या को खत्म करने के लिए जल्द ही प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से संपर्क कर सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यह पत्र स्नैपडील कंपनी की मोबाइल वॉलेट फ्रीचार्ज की बिक्री को रोकने की उम्मीद से लिखा जाना है। आपको बता दें कि फ्रीचार्ज को एक्सिस बैंक के हाथों बेचने की बात की जा रही है। कर्माचारियों का कहना है कि कंपनी के नुकसान के लिए संस्थापक कुणाल बहल और रोहित बंसल जिम्मेदार हैं और वह अपना बिजनेस फ्लिपकार्ट को बेचना चाहते हैं। सबसे अहम बात कि इस बारे में कंपनी के कर्मचारियों को कोई जानकारी नहीं दी गई है। साथ ही स्नैपडील 2.0 योजना लागू कर दी गई है।
गुमराह करने वाली है स्नैपडील 2.0 योजना- कर्मचारी:
कर्मचारियों ने कुणाल बहल की स्नैपडील 2.0 योजना को गुमराह करने वाला बताया है। ऐसे में कंपनी के कर्मचारियों ने पीएमओ से मदद मांगी है। साथ ही कर्मचारियों का कहना है कि अगर कंपनी अपनी नई या दूसरी योजना को लागू करती है तो ऐसे में 1,200 कर्मचारियों का इस्तीफा भी लिया जा सकता है। इस बात की पुष्टि अभी नहीं की जा सकती है कि कर्मचारियों द्वारा कही गई बात कितनी सही है। वहीं, कंपनी की तरफ से भी इस मामले को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
385 करोड़ रुपये में फ्रीचार्ज बेचने की बात:
देश का दिग्गज बैंक एक्सिस बैंक ई-कॉमर्स वेबसाइट स्नैपडील से फ्रीचार्ज को खरीद रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इसे खरीदने के लिए एक्सिस बैंक 385 करोड़ रुपए चुकाने जा रहा है। जानकारी के लिए बता दें कि स्नैपडील ने फ्रिचार्ज का अधिग्रहण अप्रैल 2015 में 400 मिलियन डॉलर में किया था। उस समय यह डील भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए सबसे बड़ी डील थी। इससे पहले पेटीएम की ओर से फ्रिचार्ज की खरीद की बातें सामने आ रही थी।
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