यौन शोषण से जुड़े मुद्दे पर गूगल, याहू और फेसबुक समेत कई सोशल नेटवर्किंग साइट्स को सुप्रीम कोर्ट ने भेजा नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने साइबर क्राइम पर रोक लगाने के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट्स से जवाब तलब किया है
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने साइबर क्राइम पर रोक लगाने के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट्स से जवाब तलब किया है। आपको बता दें कि कोर्ट में सोशल नेटवर्किंग साइट पर यौन अपराध के वीडियो शेयर करने और साइबर अपराध पर रोक लगाने के लिये एक याचिका दायर की गई थी, जिसके चलते कोर्ट ने गूगल, माइक्रोसाफ्ट, याहू और फेसबुक को नोटिस जारी किया है। इन सभी को 9 जनवरी 2017 तक कोर्ट के नोटिस का जवाब देना है। यह नोटिस जस्टिस मदन बी लोकूर और जस्टिस उदय यू ललित की पीठ ने जारी किया है।
किसने दायर की याचिका?यह याचिका एनजीओ प्रज्वला की तरफ से दायर की गई है। एनजीओ की वकील अपर्णा भट ने कोर्ट मे कहा कि बलात्कार के वीडियो बनाने के बाद इन्हें सोशल नेटवर्किंग साइट पर पोस्ट किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में इंटरनेट कंपनियों को इस तरह के साइबर अपराध पर रोक लगाने के लिये कड़े कदम उठाने चाहिए।
साइबर अपराधों की जांच करती है सीबीआई:
सॉलिसीटर जनरल मनिन्दर सिंह ने कोर्ट को गृह मंत्रालय और केन्द्रीय जांच ब्यूरो के तरफ से किए जा रहे उपायों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यौन अपराधियों के नाम सार्वजनिक करने के सवाल पर भारत और विदेशों में बहस जारी है। साथ ही इस संबंध में लिये जाने वाले निर्णय पर अमल भी किया जायेगा।
इसके साथ ही यह भी कहा गया कि अगर ऐसे अपराध साबित नहीं होते हैं तो व्यक्ति की छवि पर असर पड़ता है। न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि अगर पुलिस को यौन अपराध के मामले में जांच के बाद भी आरोपी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिलता है, तो सीबीआई संबंधित अपराध से जुड़ी पूछताछ नहीं करेगी। न्यायालय ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, बच्चों के प्रति यौन हिंसा के मामलों में बहुत तेजी से वृद्धि हुई है।