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मोबाइल नेटवर्क जाने पर मिल सकते 5000 रुपये, जानिए इससे जुड़ी 10 बड़ी बातें

ट्राई ने सुझाव दिया है कि उपभोक्ता के विदेश यात्रा के दौरान इंटरनेशनल रोमिंग सिम और इंटरनेशनल कॉलिंग कार्ड काम ना करने पर जुर्माना देना होगा

By Joyeeta BhattacharyaEdited By: Updated: Fri, 16 Jun 2017 06:14 PM (IST)
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मोबाइल नेटवर्क जाने पर मिल सकते 5000 रुपये, जानिए इससे जुड़ी 10 बड़ी बातें

नई दिल्ली (जेएनएन)। अगर आप विदेश गए हैं और आपका इंटरनेशनल सिम कार्ड काम नहीं कर रहा हैं तो परेशान होने की जरुरत नहीं हैं। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) जल्द ही इस समस्या का समाधान कर सकता है। आपके विदेश यात्रा के दौरान इंटरनेशनल रोमिंग सिम और इंटरनेशनल कॉलिंग कार्ड के काम ना करने पर ट्राई कंपनियों पर 5000 रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव दे सकती हैं। इसके साथ ही यह जुर्माना ग्राहक को मुआवजे के तौर पर दिया जाएगा।

1. प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों ग्राहक के लिए मान्य

ट्राई द्वारा न्यूनतम 5,000 रुपये के मुआवजे की राशि का सुझाव दिया गया है, जो प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों ग्राहकों के लिए वैध होगा। ट्राई का यह प्रस्ताव प्रीपेड और पोस्टपेड सिम दोनों पर लागू होगा।

2. मुआवजा के साथ एडिशनल फुल रिफंड

अगर उपभोक्ता देश के बाहर है और उसकी कॉलिंग सिम काम नहीं कर रही तो कंपनियों को ग्राहक को रिफंड और साथ ही मुआवजा देना होगा। ट्राई की ओर से दूरसंचार विभाग को भेजे गए सुझाव पत्र में कहा गया कि प्रीपेड यूजर्स को मुआवजे के तौर पर वह सारा पैसा भी लौटना होगा जो वह सर्विस प्रोवाइडर को पहले ही भुगतान कर चुका है।

3. केवल भारत में इंटरनेशनल ऑपरेटर्स जिम्मेदार हैं

ट्राई की सिफारिशें केवल अंतरराष्ट्रीय रोमिंग सिम कार्ड की बिक्री और किराए से संबंधित हैं और उन यूजर्स के लिए है जो भारत में कार्यरत अंतरराष्ट्रीय ऑपरेटरों के वैश्विक कॉलिंग कार्ड का उपयोग करते हैं।

4. यह मुआवजा कब वैध होगा?

ट्राई ने इस मामलों के मुआवजे की सिफारिश की है-
* सेवाओं का नॉन-एक्टिव होना
* खराब नेटवर्क कवरेज के कारण सिम कार्ड का कोई उपयोग नहीं होना
* हैंडसेट के साथ सिम या कार्ड का बेजोड़ होना

5. 15 दिनों के भीर होंगे रिफंड

ट्राई ने उल्लेख किया है कि मुआवजा और रिफंड का भुगतान ग्राहक को देश में लौटने के 15 दिनों के भीतर करना होगा और अंतर्राष्ट्रीय कार्ड के उपयोग ना होने के बारे में रिपोर्ट करने के भीतर देना होगा।

6. सर्विस प्रोवाइडर के खिलाफ कार्रवाई

ट्राई ने यह भी उल्लेख किया है कि सर्विस प्रोविडरों द्वारा ऐसी लापरवाही करने पर उनके परमिट रद्द किए जा सकते हैं। इसके अलावा कुल संख्या में से 10 प्रतिशत सिम कार्ड पर अगर काम नहीं करते है तो भी कंपनी के परमिट को रद्द किया जा सकता है।

7. शिकायत नित्यांद प्रणाली

दूरसंचार नियामक संस्था ने सुझाव दिया है कि अंतर्राष्ट्रीय सिम कार्ड विक्रेताओं और प्रदाताओं को शिकायत नित्यांद प्रणाली की उचित प्रक्रिया स्थापित करनी चाहिए। इससे ग्राहकों द्वारा पंजीकृत शिकायतों का शीघ्र निपटान हो सकता है और साथ ही उन्हें कंपनी और दूरसंचार विभाग (डीओटी) से प्रतिनिधित्व करने वाला आधिकारिक अपीलीय प्राधिकारी स्थापित करना चाहिए।

8. ग्लोबल कार्ड्स और इंटरनेशनल सिम कार्ड की खरीद को डिजिटली करना चाहिए

ट्राई ने सुझाव दिया है कि ग्लोबल कॉलिंग कार्ड और इंटरनेशनल सिम कार्ड की खरीद सिर्फ डिजिटल बैंकों जैसे नेट बैंकिंग, क्रेडिट या डेबिट कार्ड और ई-पर्स के माध्यम से की जानी चाहिए। अगर भविष्य में कोई भी मुद्दा उठता है तो यह एक वैध प्रमाण के रूप में कार्य करेगा।

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9. सर्वेक्षण पीछे का सच

ट्राई की ओर से एक सर्वे कराया गया था, जिसमें इन सेवाओं का इस्तेमाल करने वाले लगभग आधे ग्राहकों ने दावा किया है कि यह आंशिक रूप से काम करता है या बिल्कुल भी काम नहीं करता है।

10. 23 कंपनियों के परमिट रद्द करने का दिया सुझाव

ट्राई ने 23 कंपनियों के परमिट को रद्द करने का भी सुझाव दिया है, जिन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए कॉल का जवाब नहीं दिया।

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