आधार से मोबाइल नंबर लिंक करना होगा आसान, जानिए
आधार कार्ड को मोबाइल नंबर से लिंक करना जरुरी, घर बैठे भी कर पाएंगे यह काम
नई दिल्ली(जेएनएन)। मोबाइल नंबर को आधार से शीघ्र लिंक करने के लिए सरकार ने नए तरीकें घोषित किए हैं। इस प्रोसेस को घर बैठे भी पूरा किया जा सकेगा। दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा की
मोबाइल नंबर को OTP , एप या IVRS के जरिए आधार से लिंक किया जा सकता है। यह कदम प्रक्रिया को आसान बनाने और लोगों के लिए सुविधाजनक बनाने के लिए उठाया गया है।
कंपनी स्टोर पर भी जारी रहेगी प्रक्रिया
मोबाइल फोन नंबर को आधार के साथ वेरीफाई कराने की प्रक्रिया टेलीकॉम कंपनियों के स्टोर्स पर भी जारी रहेगी। इसी के साथ सरकार ने कंपनियों को आदेश दिया है की विकलांग और वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सेवा घर पर ही उपलब्ध की जाए। जिन यूजर्स के पास 12 अंकों का बायोमेट्रिक आइडेंटिफिकेशन नंबर नहीं है, उनके लिए ई-वेरिफिकेशन की अलग प्रक्रिया होगी ।
अभी देश में 50 करोड़ से ज्यादा मोबाइल नंबर आधार के साथ रजिस्टर्ड हैं। इन सभी मामलों में ओटीपी के जरिए रीवैरीफिकेशन किया जा सकता है। एजेंट के माध्यम से किए जाने वाले बायोमीट्रिक ऑथेंटिफिकेशन अथवा दुबारा सिम कार्ड इश्यू कराने के मामलों में टेलीकॉम कंपनियों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि न तो एजेंट को ग्राहक का ई-केवाईसी ब्यौरा दिखना चाहिए और न ही इस ब्यौरे को किसी डिवाइस में स्टोर होना चाहिए। अभी ई-केवाईसी का पूरा डेटा टेलीकॉम कंपनी के एजेंट को दिखाई देता है। आगे से ऐसा नहीं होगा।
इन तरीकों से घर बैठे होगा वेरिफिकेशन
- OTP मोड में आधार से जुड़े मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया जाएगा। इसका इस्तेमाल दूसरे मोबाइल नंबर्स के लिए री-वेरिफिकेशन के लिए भी किया जा सकेगा।
- इसी तरह IVRS यानि की इंटरैक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम का भी खासतौर से डिजाइन की गई एप्स के जरिए प्रयोग किया जा सकेगा।
- सिन्हा ने कहा की टेलीकॉम ऑपरेटर्स को लोगों के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया निर्धारित करनी होगी। जिससे लोग विकलांग और वरिष्ठ नागरिकों के लिए घर पर वेरिफिकेशन उपलब्ध करवाने की रिक्वेस्ट कर सकें।
क्या है आधार आधारित eKYC?
चाहें आप अपना पुराना मोबाइल नंबर रखना चाहते हों या कोई नया नंबर लें, आपको अपने आधार कार्ड नंबर के जरिये आपके मोबाइल नंबर को वेरीफाई कराना जरुरी है। ईकेवाईसी मूल रूप से "अपने ग्राहक को जानिए" फॉर्म की एक ऑनलाइन विधि है। अब आपके नेटवर्क प्रोवाइडर को आपकी जानकारी, जैसे आपका नाम, जन्मतिथि, पता, आयु आदि की जानकारी रखना जरुरी है। COAI (सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) ने पहले बताया था कि इस पूरे प्रोसेस की लिए 1000 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जो स्वयं ऑपरेटरों द्वारा वहन करना होगा।
सीओएआई के महानिदेशक राजन मैथ्यूज ने एक बयान में कहा था, "इससे नकली सब्सक्राइबरों का मुद्दा खत्म होगा। हम एक वर्ष की निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरे आधार को कवर करने के लिए अपनी पूरी कोशिश करेंगे।"
इसके लिए क्या करना पड़ेगा?
आधार आधारित केवाईसी कराने के लिए आपको अपना नाम, स्थान और अन्य विवरणों को ऑनलाइन आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से वेरिफाई कराने की आवश्यकता है। केवाईसी को पूरा करने के लिए आपको अपना आधार नंबर देना होगा और बायोमेट्रिक सत्यापन करना होगा। ईकेवाईसी प्रक्रिया पूरा होने के बाद, ईकेवाईसी प्रक्रिया के माध्यम से प्राप्त आंकड़ों के साथ डेटाबेस में पुराने ग्राहक विवरण को अपडेट या ओवरराइट करने से पहले लाइसेंसधारी ग्राहक से 24 घंटे के बाद अपने मोबाइल नंबर के पुनः सत्यापन के बारे में पुष्टि करेगा।
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