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टेलिकॉम कंपनियों ने ट्राई से फ्री कॉल और डाटा बंद करने की मांग, न्यूनतम दरें हों तय

टेलिकॉम कंपनियों ने ट्राई से कॉल्स और डाटा की न्यूनतम दरें तय करने की बात कही है

By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Fri, 16 Jun 2017 10:34 AM (IST)
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टेलिकॉम कंपनियों ने ट्राई से फ्री कॉल और डाटा बंद करने की मांग, न्यूनतम दरें हों तय

नई दिल्ली (जेएनएन)। कुछ चुनिंदा दूरसंचार कंपनियों ने वॉयस कॉल और डाटा की न्यूनतम दरें (फ्लोर प्राइस) तय करने की ट्राई से गुजारिश की है। हालांकि ट्राई ने अभी इस बावत कोई निर्णय नहीं लिया है, लेकिन यदि ऐसा होता है तो कुछ ऑपरेटरों द्वारा ग्राहकों को मुफ्त वॉयस कॉल व डाटा देने के युग का अंत हो सकता है।

दूरसंचार उद्योग की माली हालत को लेकर दूरसंचार नियामक टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी आफ इंडिया (ट्राई) के साथ हुई बैठक में कुछ मोबाइल सर्विस ऑपरेटरों ने कहा कि नए ऑपरेटरों ने शुरू में मुफ्त वॉयस व डाटा दोनों और बाद में आजीवन मुफ्त वॉयस कॉल की सुविधा देकर बाकी कंपनियों के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। इससे उद्योग पर वित्तीय दबाव बढ़ गया है। इसलिए ट्राई को सभी ऑपरेटरों के लिए वॉयस कॉल व डाटा की न्यूनतम दरें तय करनी चाहिए ताकि कोई कंपनी भविष्य में ऐसे ऑफर न ला सके और सभी के लिए लेवल प्लेइंग फील्ड तैयार हो सके।

ट्राई के अध्यक्ष आर. एस. शर्मा ने कहा कि कुछ ऑपरेटरों की ओर से फ्लोर प्राइस का एकदम नया विचार सामने रखा गया है। हम इसकी जांच करेंगे। अभी हमने इस पर कोई राय नहीं बनाई है। लेकिन हर विचार के लिए हमारे दरवाजे खुले हैं। हालांकि यह विचार किस ऑपरेटर की ओर से रखा गया था, यह बताने से उन्होंने इन्कार कर दिया। उन्होंने माना कि फ्लोर प्राइस का विचार टैरिफ पर फोरबियरेंस के ट्राई के सिद्धांत के विरुद्ध हो सकता है, परंतु इस पर हमें चर्चा तो करनी ही होगी। उन्होंने कहा कि कुछ ऑपरेटरों के अनुसार ग्राहकों को लंबी अवधि तक लागत से कम मूल्य पर सेवाएं देने की प्रवृत्ति से एक समय बाद पूरे उद्योग को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

बैठक में उद्योग की ओर से कुछ अन्य सुझाव भी पेश किए गए हैं। इनमें जीएसटी की दरों को युक्तिसंगत बनाने, लाइसेंस शुल्क तथा स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज में कमी तथा स्पेक्ट्रम कीमत के भुगतान के लिए लंबी समय सीमा तय किए जाने के सुझाव प्रमुख हैं। इन सुझावों को मुख्यत: तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता है। ये सुझाव आइयूसी यानी इंटरकनेक्ट यूजेज चार्ज, दरों के सिद्धांत (टैरिफ प्रिंसिपल्स) तथा व्यवसाय में आसानी (ईज आफ डूइंग बिजनेस) की श्रेणियों में दिये गये हैं।

गौरतलब है कि भारती एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया जैसे पुराने ऑपरेटर शुरू से ही रिलायंस जियो के वॉयस कॉल एवं डाटा को मुफ्त करने के ऑफर्स का विरोध कर रहे हैं। इनका कहना है कि इससे वित्तीय वर्ष 2016-17 में उद्योग की आमदनी में गिरावट आई है।

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