टेलिकॉम कंपनियों के खिलाफ ट्राई ने उठाया सख्त कदम, ग्राहकों के टैरिफ प्लान में भेदभाव पर रोक
ऑपरेटरों को जारी में ट्राई ने कहा है कि दूरसंचार टैरिफ ऑर्डर, 1999 के क्लॉज 10 में यह प्रावधान है कि कोई भी सेवा प्रदाता, किसी भी तरह से, उसी श्रेणी के ग्राहकों के बीच भेदभाव नहीं करेगा
नई दिल्ली (जेएनएन)। टेलिकॉम कंपनियां एक तरह के ग्राहकों के बीच भेदभाव नहीं कर सकेंगी। दूरसंचार नियामक ट्राई ने ऑपरेटरों को दिया है कि वे समान श्रेणी के उपभोक्ताओं को भेदभावपूर्ण टैरिफ प्लान न बेचें। साथ ही सभी तरह के प्लान की पेशकश के सात दिनों के भीतर इनकी जानकारी नियामक को उपलब्ध कराने को कहा है। ऑपरेटरों को जारी में ट्राई ने कहा है कि दूरसंचार टैरिफ ऑर्डर, 1999 के क्लॉज 10 में यह प्रावधान है कि कोई भी सेवा प्रदाता, किसी भी तरह से, उसी श्रेणी के ग्राहकों के बीच भेदभाव नहीं करेगा। न ही ग्राहकों का ऐसा वर्गीकरण मनमाना होगा।
ट्राई ने कहा है कि उसे शिकायत मिली है कि कुछ दूरसंचार ऑपरेटर उसे अंधेरे में रखकर टैरिफ प्लान लॉन्च कर रहे हैं। एक ही तरह के ग्राहकों के वर्ग के बीच इनकी पेशकश अलग-अलग की जा रही है। अप्रैल में मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस जियो ने भारती एयरटेल के खिलाफ ट्राई से शिकायत की थी। उसने आरोप लगाया था कि क्षेत्र की पुरानी कंपनी भ्रामक ऑफरों के जरिये टैरिफ नियमों का उल्लंघन कर रही है। एयरटेल का रवैया मनमाना है। एक ही प्लान के लिए सब्सक्राइब कर रहे अपने ग्राहकों के साथ वह भेदभाव कर रही है।
जियो ने ट्राई से एयरटेल पर उच्चतम पेनाल्टी लगाने की मांग की थी। उसका आरोप था कि एयरटेल 293 रुपये और 449 रुपये के दो प्लानों की भ्रामक तरीके से मार्केटिंग कर रही है। इन ऑफरों के एयरटेल के विज्ञापन संभावित उपभोक्ताओं को लुभाने का प्रयास करते हैं। इनमें भरोसा दिलाया जाता है कि उन्हें 70 दिनों के लिए प्रति दिन एक जीबी डाटा दिया जाएगा। हालांकि, जो ग्राहक एयरटेल के दोहरे मानदंडों को संतुष्ट नहीं करते हैं, उन्हें केवल 50 एमबी डाटा का प्रावधान होता है। जबकि इसके बाद उनसे 4,000 रुपये प्रति जीबी की दर से डाटा टैरिफ वसूला जाता है।
एयरटेल ने जियो के तमाम आरोपों को खारिज किया था। सुनील भारती मित्तल की अगुआई वाली कंपनी ने कहा था कि वह सभी नियमों का पालन कर रही है। एयरटेल के प्रवक्ता ने कहा था कि ये आरोप कुछ नहीं, बल्कि जियो की सभी समस्याओं के लिए दूसरों पर दोष मढ़ने की आदत है, जिसमें नेटवर्क की कमी भी शामिल है।
डोकोमो की हिस्सेदारी खरीद सकेगी टाटा:
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ) ने टाटा को समूह की फर्म टाटा टेलीसर्विसेज (टीटीएसएल) में जापान की एनटीटी डोकोमो से 21.63 फीसद हिस्सेदारी की खरीद को मंजूरी दे दी है। इससे लंबे समय से अटके अरबों डॉलर के सौदे को पूरा करने की दिशा में एक कदम और बढ़ गया है। टाटा की ओर से सीसीआइ को भरोसा दिलाया गया है कि प्रस्तावित लेनदेन भारत में दूरसंचार बाजार के प्रतिस्पर्धी परिदृश्य पर कोई असर नहीं डालेगा।
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