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ट्राई इसी महीने से फिर शुरू करेगा कॉल ड्रॉप की जांच, सर्विस में होगा सुधार

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के चेयरमैन आरएस शर्मा ने कहा कि स्वतंत्र रूप से परीक्षण का काम जल्द शुरू होने जा रहा है

By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Tue, 09 May 2017 10:00 AM (IST)
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ट्राई इसी महीने से फिर शुरू करेगा कॉल ड्रॉप की जांच, सर्विस में होगा सुधार

नई दिल्ली (जेएनएन)। दूरसंचार नियामक ट्राई इसी महीने से मोबाइल ऑपरेटरों की सेवा गुणवत्ता और कॉल ड्रॉप मामलों की स्वतंत्र तौर पर जांच की शुरुआत कर सकता है। यह काम पांच माह से अधिक के अंतराल के बाद फिर से शुरू होगा। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के चेयरमैन आरएस शर्मा ने कहा कि स्वतंत्र रूप से परीक्षण का काम जल्द शुरू होने जा रहा है। असल में, इसमें दिक्कत के चलते कुछ अंतराल आ गया था। अब इसे दूर कर लिया गया है। संभवत वे मई में ही इसकी शुरुआत कर लेंगे।

नियामक और दूरसंचार विभाग (डॉट) दोनों ही कॉल ड्रॉप और कॉल विफलता जैसे सेवा गुणवत्ता से जुड़े मुद्दों पर पैनी नजर रख रहे हैं। टेलिकॉम कंपनियां अपनी प्रदर्शन निगरानी रिपोर्ट को नियमित रूप से ट्राई को सौंपती हैं। नियामक भी स्वतंत्र एजेंसियों के जरिये सेवा गुणवत्ता का आकलन और उसका ऑडिट भी करता है।

एजेसियों ने मोबाइल ऑपरेटरों के कामकाज का आकलन और ऑडिट करने के लिए देशभर के तमाम शहरों में नमूने के तौर पर ‘ड्राइव टेस्ट’ भी किए हैं। शर्मा ने कहा कि यह स्वतंत्र रूप से किया जाना वाले परीक्षण ऑपरेटरों की मदद से होने वाले टेस्ट से अलग होता है। हम 11-12 शहरों में परीक्षण की शुरुआत कर रहे हैं। इस बार और ज्यादा शहरों में इस परीक्षण को करेंगे। यह कंपनियों की सहायता से होने वाले परीक्षण से अलग होगा। हालांकि, इस परीक्षण में भी कॉल ड्रॉप के स्तर और वॉयस क्वॉलिटी की निगरानी के लिए ट्राई के स्वतंत्र ड्राइव टेस्ट की तरह रीयल टाइम डाटा को ही कैप्चर किया जाता है। स्वतंत्र या ऑपरेटर की सहायता से होने वाले दोनों तरह के ड्राइव टेस्ट कई गुणवत्ता मानकों पर नेटवर्कों के परफॉरमेंस का आकलन करते हैं। इन मानकों में कॉल सेटअप सक्सेस रेट, कॉल ड्रॉप, ब्लॉक्ड कॉल और रेडियो फ्रीक्वेंसी कवरेज शामिल हैं।

ट्राई की ओर से पिछले राउंड का स्वतंत्र परीक्षण अमृतसर, दिल्ली, लखनऊ, रांची, कानपुर, भोपाल, चंडीगढ़, मुंबई, हैदराबाद, अहमदाबाद, दार्जिलिंग, सिक्किम और तिरुअनंतपुरम में बीते साल किया गया था। पिछले कुछ माह से ऐसे परीक्षण नहीं किए गए। इसके बजाय दूरसंचार नियामक ने ऑपरेटरों की सहायता से उत्तर प्रदेश-पश्चिम सर्किल में मथुरा, राजस्थान में जैसलमेर, मध्य प्रदेश में उज्जैन और कर्नाटक में मंगलोर में किया था।

हाई कोर्ट में वोडाफोन ने किया ट्राई का विरोध:

वोडाफोन ने दिल्ली हाई कोर्ट में आरोप लगाया है कि नेटवर्क टेस्टिंग के लिए ट्राई ने नियम बनाने को लेकर परामर्श प्रक्रिया एक सोची-समझी कोशिश थी। इसका मकसद सेवा लॉन्च करने से पहले ही रिलायंस जियो को लाभ पहुंचाना था। हाई कोर्ट में वोडाफोन की ओर से दलील दी गई कि ऐसा लगता है कि नियामक ने यह प्रक्रिया उसकी याचिका में उठाए गए मुद्दों का जवाब तलाशने के प्रयास में शुरू की। इस याचिका में आरोप जियो पर मुफ्त में वॉयस कॉल ऑफर करके टैरिफ आदेश का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था। इस मामले में ट्राई ने कहा कि वोडाफोन को इस परामर्श प्रक्रिया में हिस्सा लेना चाहिए। इसके लिए अपनी टिप्पणियां देने की अवधि 29 मई तक है। इसके बाद टिप्पणियों का जवाब 12 जून तक दिया जा सकता है।

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