सस्ता हो सकता है फोन पर बात करना, 1 अक्टूबर से लागू होंगी ट्राई की नई दरें
ट्राई ने इस निर्णय के बारे में कहा कि तमाम हितधारकों से प्राप्त लिखित और मौखिक टिप्पणियों के आधार पर घरेलू मोबाइल टर्मिनेशन शुल्क की नई दरें तय की गई हैं
नई दिल्ली (जेएनएन)। देश में मोबाइल से कॉल करना सस्ता हो सकता है। दूरसंचार नियामक ट्राई के ताजा फैसले से यह संभव होगा। नियामक ने कॉल कनेक्ट करने के लिए एक टेलिकॉम ऑपरेटर द्वारा दूसरे को अदा किए जाने वाले कॉल टर्मिनेशन शुल्क को 14 पैसे से घटाकर छह पैसे प्रति मिनट कर दिया है। शुल्क की नई दर पहली अक्टूबर से लागू होगी। यही नहीं, जनवरी, 2020 से इस शुल्क को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। जियो के अतिरिक्त अन्य टेलिकॉम कंपनियों ने फैसले को अदालत में चुनौती देने की बात कही है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) का यह फैसला टेलिकॉम कंपनियों की मांग से एकदम उलट है। भारती एयरटेल समेत विभिन्न टेलिकॉम कंपनियों ने कॉल टर्मिनेशन शुल्क को बढ़ाए जाने तथा इसकी न्यूनतम लाभप्रद दर तय करने की मांग की थी। हालांकि, सबसे नई कंपनी रिलायंस जियो ने इसका विरोध करते हुए टर्मिनेशन चार्ज को पूरी तरह खत्म करने की पैरवी की थी। मुकेश अंबानी की कंपनी जियो का कहना था कि ऐसा करने से ग्राहकों को फायदा होगा।
ट्राई ने इस निर्णय के बारे में कहा कि तमाम हितधारकों से प्राप्त लिखित और मौखिक टिप्पणियों के आधार पर घरेलू मोबाइल टर्मिनेशन शुल्क की नई दरें तय की गई हैं। नए नियमों के अनुसार मोबाइल से मोबाइल के बीच कॉल पर टर्मिनेशन शुल्क की दर 1अक्टूबर 2017 से 14 पैसे के बजाय 6 पैसे प्रति मिनट होगी। अन्य सभी प्रकार की कॉल (जैसे कि वायरलाइन से वायरलाइन और वायरलाइन से मोबाइल) के लिए टर्मिनेशन शुल्क शून्य रहेगा। जबकि 1 जनवरी, 2020 से सभी प्रकार की घरेलू कॉल पर टर्मिनेशल शुल्क समाप्त हो जाएगा। फिलहाल लागू 14 पैसे प्रति मिनट का टर्मिनेशन चार्ज 1 मार्च, 2015 को लागू हुआ था। इस शुल्क को इंटर कनेक्ट चार्ज भी कहा जाता है।
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