ट्राई टेलिकॉम ऑपरेटर्स पर 2जी नेटवर्क बंद करने के लिए डाल रहा दवाब: आइडिया
टेलिकॉम कंपनियां आईयूसी चार्ज घटाने के खिलाफ हैं। उनका मानना है कि यह कदम कनेक्टिविटी पर गलत असर डालेगा
नई दिल्ली (जेएनएन)। देश की तीसरी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी आइडिया सेल्यूलर ने कहा है कि टेलिकॉम रेग्यूलटर (Trai) कंपनियों पर पुराने नेटवर्क बंद कर नई टेक्नोलॉजी को अपनाने के लिए दवाब बना रही है। ट्राई ने ऑपरेटर्स से कहा है कि वो इस मामले में सरकार से हस्तक्षेप की मांग करें।
क्या है आइडिया का कहना?आइडिया के सीईओ हिमांशु कापानिया ने कहा है, “यह कदम कनेक्टिविटी पर गलत असर डालेगा क्योंकि मध्य प्रदेश, बिहार और उड़िसा के ग्रामीण क्षेत्र आज भी पुरानी तकनीकों पर ही निर्भर हैं। ग्रामिण क्षेत्रों के कई ऐसे यूजर्स हैं जो एक महीने में मात्र 20 से 30 रुपये का रिचार्ज कराते हैं जिससे वो सर्विसेज का इस्तेमाल कर पाते हैं। ऐसा असलिए क्योंकि उनके फोन पर प्रति महीने इनकमिंग कॉल की दर अधिक रहती है। इससे टेलिकॉम कंपनियां मुनाफा कमाती हैं।”
इनकमिंग कॉल से कैसे कमाते हैं रेवन्यू?
आईयूसी चार्ज पहले 14 पैसे प्रति मिनट था जिसे अब ट्राई ने 6 पैसा प्रति मिनट कर दिया है। यह टेलिकॉम कंपनियों के लिए चिंता का विषय बन गया है। कापानिया ने कहा कि नई कीमत में 20 से 30 रुपये प्रति महीने वाले यूजर्स को बनाए रखना मुश्किल काम साबित होगा। साथ ही यह भी कहा कि जो यूजर्स प्रति महीने 10 से 20 रुपये खर्च करते हैं वो 2जी ऑपरेटर्स से यह अपेक्षा कर रहे हैं कि दी जा रही सब्सिडी आगे भी जारी रहे। लेकिन कंपनियां फिलहाल और सब्सिडी देने की स्थिति में नहीं है।
कापानियां ने कहा कि अब यह फैसला सरकार को लेना है कि वो नई तकनीकों को लेकर आगे बढ़ेगी या फिर 4जी के साथ 2जी तकनीक जारी रहने की अनुमति देगी। ट्राई ने कंपनियों को इस स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है जहां सभी पुरानी तकनीकों के बंद कर केवल एक ही तकनीक पर फोकस किया जाए।
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