नियमों को तोड़ कार्रवाई से बचने के लिए उबर करता था सीक्रेट टूल्स का इस्तेमाल
उबर कई सालों से अधिकारियों की कार्रवाई से बचने के लिए सीक्रेट टूल्स का इस्तेमाल कर रही है
नई दिल्ली। सवारी सेवाएं देने वाली कंपनी उबर कई सालों से अधिकारियों की कार्रवाई से बचने के लिए सीक्रेट टूल्स का इस्तेमाल कर रही है। इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल उन जगहों पर किया जा रहा है, जहां उबर बैन है या जहां कानूनी प्रवर्तन के मामले सामने आते हैं। कंपनी ने शुक्रवार को इसकी पुष्टि की है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने इस प्रोग्राम के बारे में सबसे पहले खबर दी थी, जिसे उबर ग्रेबॉल कहता है। यह प्रोग्राम उबर एप या अन्य तरीकों का इस्तेमाल कर पता करता था कि किन शहरों में उसके ऑपरेशन को रोकने के लिए अधिकारी तैनात हैं, जो उबर के ड्राइवर को गिरफ्तार कर सकते हैं या कार का चालान बना सकते हैं।
टाइम्स की रिपोर्ट में उदाहरण देकर कहा गया है कि शहर प्रवर्तन एजेंसी जिस जगह पर उबर के ड्राइवर्स को पकड़ने के लिए जाल बिछाती थी, उस जगह की राइड्स को या तो कैंसल कर दिया जाता था या छोड़ दिया जाता था। न्यूज पेपर ने रिपोर्ट दी थी कि इस टूल से अधिकारियों को धोखा देने के लिए उबर के एप पर दिखाया जाता था, कि वहां कोई कार मौजूद नहीं है। कुछ शहरों में जहां राइड सर्विस के लिए कानूनी ढांचा नहीं होता था, वहां अधिकारी उबर टैक्सी का चालान बनाते थे, कारों को उठा ले जाते थे या उन्हें जब्त कर लेते थे। उबर की एक प्रवक्ता ने कहा कि ग्रेबॉल को अभी भी उपयोग किया जाता था।
इस बीच, उबर की सबसे प्रसिद्ध सुरक्षा शोधकर्ता और वाइस प्रोडक्ट ऑफ प्रोडक्ट एंड ग्रोथ ने शुक्रवार को बिना कारण बताए इस्तीफा दे दिया। हालांकि, यह बात साफ नहीं हो पाई है कि उनकी विदाई का ग्रेबॉल से कोई संबंध है या नहीं है।
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