मोबाइल वॉलेट के इस्तेमाल में हुई बढ़ोतरी, आरबीआई ने जारी किए आंकड़ें
आरबीआई ने मई में नवंबर से अप्रैल तक डिजिटल पेमेंट के आंकड़े जारी किए हैं, जिसमें मोबाइल से जुड़ी बैंकिंग के मामले में तेजी से बढ़ोतरी हुई है
नई दिल्ली (जेएनएन)। शहर हो या गांव, मोबाइल आमतौर पर बातचीत करने का जरिया ही माना गया। जब नोटबंदी हुई तो मोबाइल का काम भी तेजी से बदला। कैशलेस लेनदेन के सरकार के आग्रह पर लोगों ने मोबाइल को वॉलेट बना लिया। दुनिया जहान की जानकारी रखने वाला टच स्मार्टफोन हो या फिर साधारण की पैड फोन, वॉलेट बनकर लोगों की बैंकों तक लगने वाली भागदौड़ बचा रहे हैं। आरबीआई ने मई में नवंबर से अप्रैल तक डिजिटल पेमेंट के आंकड़े जारी किए हैं, जिसमें मोबाइल से जुड़ी बैंकिंग के मामले में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) के मुद्दे पर विरोध के चलते क्रेडिट और डेबिट कार्ड से प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) पर लेनदेन में कमी आई है।
मोबाइल से खाता चलाने की नवंबर से शुरू हुई कवायद अब परवान चढ़ रही है। साधारण मोबाइल से अनस्ट्रक्चर्ड सप्लीमेंट्री सर्विस डाटा (यूएसएसडी यानी 99) से कैश लेनदेन करीब 50 गुना, यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस से करीब 26 गुना और इमीडिएट पेमेंट सर्विस के जरिये करीब दो गुना बढ़ा है। हालांकि 20 फीसद की दर से मोबाइल बैंकिंग भी बढ़ी है। मोबाइल को वॉलेट के रूप में इस्तेमाल करने के मामले में ऐसे ग्राहकों का भरोसा बढ़ा है जो स्मार्टफोन का प्रयोग नहीं करते। नवंबर 2016 में जहां महज सात हजार लोगों ने यूएसएसडी के जरिये लेनदेन किया था, वहीं अप्रैल में यह संख्या तीस गुना बढ़कर 2.10 लाख से ज्यादा हो गई। रकम को भेजने के मामले में भी विश्वास बढ़ा है। नवंबर में केवल 73.02 लाख रुपये के लेनदेन इस जरिये हुए, वहीं अप्रैल में यह तीस करोड़ रुपये से अधिक हो गया।
यह भी पढ़ें:
पावरफुल बैटरी लाइफ के साथ इन फीचर फोन्स की कीमत है 1500 रुपये से भी कम