क्या आपने देखा है भारत का फ्रांस
भारतीय प्रायद्वीप के पूर्व हिस्से में बसा एक छोटा सा केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी है,ये जगह देखने में बिल्कुल फ्रांस के जैसी ही है।
By Babita KashyapEdited By: Updated: Thu, 28 Jul 2016 02:14 PM (IST)
आप घूमने के शौकीन हैं और फ्रांस जाने की तमन्ना भी रखते हैं लेकिन विदेश जाने के खर्च को सोचकर वहां नही जा पाते। आपकी जानकारी के लिये बता दें कि आप ही नही बल्कि ऐसे बहुत से लोग हैं जो घूमने के शौकीन हैं और फ्रांस की हसीन वादियां देखना चाहते हैं।
तो आपके लिये एक अच्छी खबर हैं जी हां भारत में भी एक फ्रांस मौजूद हैं जिसे पुडुचेरी कहते हैं। विकिपीडिया के अनुसार इस जगह के बारे में फ्रांस से आने वाले लोगों का भी यही कहना है कि इस जगह पर आकर हमें लगता ही नही कि हम भारत में हैं क्योंकि ये जगह देखने में बिल्कुल फ्रांस के जैसी ही है।भारतीय प्रायद्वीप के पूर्व हिस्से में बसा एक छोटा सा केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी है। इस प्रदेश का इतिहास 1673 ईसवीं में फ्रेंच लोगों के आगमन पर शुरू हो गया था। 1954 में यह भारतीय संघ का हिस्सा बना। समुद्र के किनारे बसे इस प्रदेश में घूमने लायक कई जगह मौजूद है। भारत के खूबसूरत शहरों में से एक है पुडुचेरी। दिल्ली से यह जगह 2400 किलोमीटर दूर है। पुडुचेरी की कुछ खास बातें है जो इसे फ्रांस की तरह ही बनाती है। यहां पर आप बिना किसी पासपोर्ट और वीजा के घूमकर फ्रांस का मजा ले सकते है।
पुडुचेरी की खासियत-पुडुचेरी को एक बेहतरीन टाउन प्लानिंग के अनुसार बसाया गया है। फ्रांसीसियों के लिये बसाई गयी इस टाउनशिप व्हाइट टाउन के नाम से जाना जाता है।
-पुडुचेरी में बहुत से महापुरूषों की प्रतिमाएं लगाई गई हैं। उनमें से सबसे खास है जो प्रॉमीनाड बीच पर लगी हुई है। इस बीच पर देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर लगी हुई है। इस कारण इस बीच को महात्मा गांधी बीच के रूप में भी जाना जाता है।पढ़ें: 'संकरी तंग गलियों में महकते पकवान' यही तो खासियत है पुरानी दिल्ली की....- प्रॉमीनाड बीच पर गांधी जी की प्रतिमा के सामने ही फ्रेंच वॉर मेमोरियल है जो प्रथम विश्व यु़द्ध के शहीद होने वाले फ्रांसीसी सैनिकों की याद में बनाया गया है। इसके अलावा यहां पर हर वर्ष 14 जुलाई के दौरान फे्रंच सैनिकों की याद में एक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।-पुडुचेरी में स्थित सेक्रेड हार्ट कैथोलिक चर्च दुनिया भर में मौजूद है। इस चर्च में तमिल और अंग्रेजी में प्रार्थना की जाती है। इस चर्च का निर्माण कार्य 1902 में प्रारम्भ किया था। इसकी खास बात यह है कि 2000 लोग एक साथ प्रार्थना कर सकते है।-यहां एक बेहद प्राचीन मंदिर भी है जो श्री गणेश का मनाकुला विलय कुलॉन मंदिर के नाम से जाना जाता है। ये मंदिर 1673 से भी पहले का बना हुआ है। इस मंदिर की विशेषता है कि यहां हाथी भक्तों से सिक्के लेकर उन्हें अपना आशीर्वाद देते हैं।पढ़ें: यहां भूत-प्रेत बढ़ा रहे हैं पर्यटनपढ़ें: घूमने के लिहाज से ये है दुनिया के सबसे सस्ते देश