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एक जगह ऐसी जहां पहले मेहमान घर में झांकते हैं फिर करते हैं प्रवेश

ईरानी घरों में टेबल और कुर्सियां रखने का चलन नही होता। यहां के लोग जमीन पर बैठकर भोजन ग्रहण करते हैं और खास तरह के तकियों का इस्तेमाल करते हैं।

By Babita KashyapEdited By: Updated: Wed, 10 Aug 2016 11:56 AM (IST)
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एक जगह ऐसी जहां पहले मेहमान घर में झांकते हैं फिर करते हैं प्रवेश
भारत में अतिथि को देवता के समान माना जाता है। जब भी कोई मेहमान हमारे घर में आता है तो उसे आदर पूर्वक घर में कुर्सी पर बैठाया जाता है और चाय पानी से खातिरदारी की जाती है। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस दुनिया में एक देश ऐसा भी है जहां घरों में कुर्सी टेबल नही होते और उनके घर आने वाले मेहमान घर में प्रवेश करने से पहले बाहर से अंदर झांक कर देखते हैं। इनाडुइंडिया के अनुसार ये देश है ईरान आइये आपको ईरान की सभ्यता से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बताते हैं।

- ईरान का प्राचीन नाम फारस था। फारसी भाषा में ईरान का शाब्दिक अर्थ है 'आर्यों की जमीन'। ईरान का आधिकारिक नाम है इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान, जो 11 फरवरी 1979 में इस्लामिक क्रांति के बाद अस्तित्व में आया। ईरान को सन 1935 तक समूची दुनिया फारस के नाम से ही जानती थी।

- ईरान में सिविलाइजेशन का पुराना इतिहास रहा है। यहां की सभ्यता अन्य आदिम सभ्यताओं की तरह नहीं रही। यहां बड़े-बड़े साम्राज्य रहे हैं और ये क्रूरतम शासकों का देश भी रहा है। ईरान में सिविलाइजेशन और साम्राज्यों का इतिहास हजारों साल पुराना है। यहां खेती बाड़ी और शुरुआती शहरीकरण ईसा से 5000 साल पहले ही हो चला था।

-ईरान में परिवार का मुखिया ही पूरे परिवार के लिए जिम्मेदार होता है। ईरान में अगर आपको किसी के घर से न्यौता मिला हुआ है, तो दरवाजे पर ही देख लें कि उस व्यक्ति ने घर में जूता या चप्पल पहना है या नहीं। अगर नहीं, तो दरवाजे पर ही जूते उतार दें। ईरानी घरों में टेबल और कुर्सियां रखने का चलन नही होता। यहां के लोग जमीन पर बैठकर भोजन ग्रहण करते हैं और खास तरह के तकियों का इस्तेमाल करते हैं।

-ईरान की आधिकारिक भाषा फारसी है, जिसका इस्तेमाल शिक्षा, प्रशासन और व्यावसायिक जीवन में प्रमुखता से होता है। ईरान में अजेरी, कुर्दिश, अरेबिक और आर्मेनियन भाषाएं भी बोली जाती हैं।

-ईरान में इस्लाम धर्म ही राजधर्म है। यहां शिया मुस्लिम ही बहुमत में हैं। शिया के बाद सुन्नी मुस्लिमों की सर्वाधिक आबादी है, तो यहूदी, इसाई और बहाई भी ईरान में रहते हैं। ईरान की राजधानी का नाम तेहरान है।

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