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टूटी पटरी से गुजरी फैजाबाद-रामेश्वरम

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : फाफामऊ और प्रयाग स्टेशनों के बीच गुरुवार की सुबह करीब सवा छ

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Aug 2017 03:00 AM (IST)Updated: Fri, 25 Aug 2017 03:00 AM (IST)
टूटी पटरी से गुजरी फैजाबाद-रामेश्वरम

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : फाफामऊ और प्रयाग स्टेशनों के बीच गुरुवार की सुबह करीब सवा छह बजे फैजाबाद-रामेश्वरम एक्सप्रेस टूटे टै्रक से गुजर गई। गाड़ी के जाने के बाद गेटमैन ने पटरी टूटी देखी तो इसकी सूचना प्रयाग स्टेशन पर दी तो हड़कंप मच गया। इलाहाबाद से लखनऊ जाने वाली गंगा गोमती एक्सप्रेस को प्रयाग स्टेशन पर ही रोक दिया गया और टै्रक को ठीक करने का काम शुरू कर दिया गया। टै्रक की मरम्मत के बाद कॉशन देकर ट्रेनों को निकाला गया।

फैजाबाद से चलने वाली साप्ताहिक ट्रेन फैजाबाद-रामेश्वरम एक्सप्रेस गुरुवार की सुबह छह बजे फाफामऊ से प्रयाग स्टेशन के लिए रवाना हुई। ट्रेन सवा छह बजे प्रयाग स्टेशन पर पहुंची। इधर से इलाहाबाद-लखनऊ गंगा गोमती ट्रेन रवाना होने के लिए तैयार थी। इतने में एमएनएनआइटी रेलवे क्रासिंग के गेटमैन लालू सिंह ने टेलीफोन करके प्रयाग स्टेशन मास्टर को सूचना दी कि गेट से कुछ दूर पर पटरी टूटी हुई है। यह जानकारी मिलते ही गंगा गोमती एक्सप्रेस को स्टेशन पर रोक दिया गया। रेलवे अधिकारियों को भी इसकी सूचना दी गई। पीडब्ल्यूआइ विजय मिश्रा मौके पर पहुंचे और टूटी हुई पटरी की जांच की। जागल प्लेट लगाकर प्रयाग स्टेशन पर सूचना दी। इसके बाद 7.05 मिनट पर 45 मिनट देरी से गंगा गोमती एक्सप्रेस लखनऊ के लिए रवाना हुई। उसके पश्चात 20 किमी. प्रति घंटे गति के कॉशन पर अन्य ट्रेनों को निकाला गया। दिन में कई बार ब्लाक लेकर टूटी पटरी की मरम्मत की गई। प्रयाग रेलवे स्टेशन के अधीक्षक पीके मणि त्रिपाठी का कहना है कि फैजाबाद-रामेश्वरम का प्रयाग स्टेशन पर स्टापेज है। इसलिए ट्रेन की रफ्तार अधिक नहीं थी। टै्रक फ्रैक्चर की सूचना मिलने पर तत्काल गंगा गोमती एक्सप्रेस को रोक दिया गया। उसके पश्चात कॉशन देकर ट्रेनों को निकाला गया। पटरी की मरम्मत का काम पूरा कर लिया गया है।

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40 किलोमीटर थी रफ्तार फैजाबाद-रामेश्वरम एक्सप्रेस जब एमएनएनआइटी के पास से गुजरी, तब उसकी रफ्तार 40 किलोमीटर प्रति घंटा थी। फाफामऊ स्टेशन से जब चली थी, तब रफ्तार 50 किमी. से अधिक थी। प्रयाग स्टेशन पर ट्रेन का ठहराव था, इसलिए ट्रेन की गति धीमी हो गई थी। अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।


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