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यात्री सुविधाओं से महरूम है रेलवे स्टेशन

मुसाफिरखाना (अमेठी): अतिविशिष्ट अमेठी संसदीय क्षेत्र का मुसाफिरखाना रेलवे स्टेशन कमाई में अव्वल है।

By Edited By: Published: Tue, 24 Nov 2015 11:00 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2015 11:00 PM (IST)

मुसाफिरखाना (अमेठी): अतिविशिष्ट अमेठी संसदीय क्षेत्र का मुसाफिरखाना रेलवे स्टेशन कमाई में अव्वल है। लेकिन यहां वर्षो से संसाधनों का टोटा है। रेलवे स्टेशन पर प्रकाश, शौचालय, उदघोषक यंत्र, जनरेटर, ओवरब्रिज, प्लेटफार्म, उच्च स्तर पेयजल, प्रतीक्षालय, बुकिंग हाल, कुर्सी आदि का अभाव है। शाम ढलते ही स्टेशन पर अंधेरा छा जाता है। पेयजल के नाम पर स्टेशन परिसर में तीन हैंडपंप लगे हैं। लेकिन एक को छोड़ दो अन्य नल पानी की जगह हवा उगल रहे हैं। स्टेशन पर बने पुरुष व महिला प्रशाधन वर्षो से बदहाल हैं। प्रशाधन तो बने हैं, लेकिन दोनों में आज तक दरवाजे नहीं लगे । जिसके चलते महिला यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। स्टेशन पर लगा उदघोषक यंत्र बीते छह माह से खराब पड़ा है। जिससे यात्रियों को ट्रेन की सही स्थित जानने के लिए बार-बार स्टेशन मास्टर कक्ष तक जाना पड़ता है। प्लेटफार्म दो पर जाने के लिए ओवर ब्रिज की मांग वर्षो से चली आ रही है। लेकिन अब तक ओवर ब्रिज नहीं बना। जिसके चलते किसी भी समय रेलवे लाइन पार कर प्लेटफार्म नंबर दो पर जाते समय बड़ा हादसा हो सकता है। रेलवे स्टेशन पर चढ़ने के लिए स्ट्रेचर, विकलांग कुर्सी टूटी पड़ी है। यात्रियों के बैठने के लिए मात्र तीन कुर्सियां हैं। जिसके चलते यात्रियों को जमीन पर बैठ कर ही ट्रेन का इंतजार करना पड़ता है। यूटीएस व प्रतीक्षालय में बीते कई वर्षो से रेलवे का कबाड़ रखा है। विगत डेढ़ दशक से स्टेशन के पूर्वी छोर पर जर्जर अवस्था में खड़ा माल गोदाम चोर उचक्कों व जुआरियों के लिए आरामगाह बन गया है। प्लेटफार्म पर लगी आधा दर्जन सोलर लाइटों की बैटरी चोर उठा ले गए। यहां तक कि उनकी सोलर लाइट भी अब गायब है। वर्ष 2012 में डीआरएम एवं मुख्य वाणिज्य कर प्रबंधक ने रेलवे स्टेशन के वार्षिक मुआयने में एक करोड़ रुपये के सौंदर्यीकरण व ओवर ब्रिज के लिए सौगात दी थी। लेकिन अब तक इस दिशा में कोई कार्य नहीं हुआ। इसके बारे मे स्टेशन अधीक्षक एसपी श्रीवास्तव का कहना है कि आरक्षण एवं टिकट का अलग-अलग काउन्टर व स्टाफ कर्मी की कमी होने से यात्रियो को हो रही असुविधा जल्द दूर कराई जाएगी।


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